जिले में बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दें महिला एवं बाल विकास से जुड़े अधिकारी – डॉ. निपुण जिंदल

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धर्मशाला, 1 जुलाई। जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने जिले के सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारियों से अपने क्षेत्र में 6 साल से छोटे बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देने को कहा है। साथ ही उन्होंने गर्भवती-धात्री महिलाओं के पोषण का ख्याल रखने पर बल दिया। डॉ. जिंदल ने जिले में आईसीडीएस के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही पूरक पोषण वितरण व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए। वे शनिवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन तय बनाने को लेकर गठित जिलास्तरीय निगरानी एवं समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) अशोक शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि सरकार का माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष फोकस है। इसलिए आवश्यक है कि अधिकारी अपने क्षेत्र में इस पर ध्यान दें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए इसे ठीक से क्रियान्वित करें। उन्होंने कहा कि लोगों को महिला एवं बाल कल्याण की विविध योजनाओं को लेकर जागरूक करने और पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दायित्व का सही तरीके से निर्वहन करें। ऐसे जागरूकता कैंप लगाएं जो परिणामोन्मुखी हों और सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक बनें।
जिलाधीश ने निर्देश दिए कि प्रत्येक एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी अपने ब्लॉक में आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिए एक महीने के भीतर कम से कम 5-5 मामले बनाएं। इनमें भूमि का चयन कर हस्तांतरण की प्रक्रिया को गति दें। डीसी लैंड होने पर एसडीएम के माध्यम से और वन भूमि के मामलों में डीएफओ के जरिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। उन्होंने इसमें कोताही बरतने पर कार्यवाही को लेकर चेताया।
निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों का जाना स्टेटस
जिलाधीश ने सक्षम आंगनवाड़ी योजना के तहत जिले में निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों के स्टेटस जाना। जिले में 16 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। उन्होंने बैठक में ऑन लाईन माध्यम से जुड़े खंड विकास अधिकारियों से उनके क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवनों की वस्तुस्थिति जानी और कार्य को समयबद्ध पूरा करने को कहा।
उन्होंने कहा कि एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी संबंधित खंड विकास अधिकारियों से मिलकर लंबित निर्माण कार्यों को पूर्ण करने को लेकर उपयुक्त योजना बनाएं। आंगनवाड़ी भवन, शौचालय निर्माण समेत अन्य लंबित निर्माण कार्यों में उनका सहयोग लें।
बाल-बालिका आश्रम में करियर काउंसलिंग पर करें फोकस
डॉ. निपुण जिंदल ने जिले के सभी बाल-बालिका देखरेख संस्थानों में बच्चों की करियर काउंसलिंग पर फोकस करने को कहा। जिले में 6 बाल-बालिका आश्रम हैं। उन्होंने इनमें नोडल संस्थान आईटीआई शाहपुर का सहयोग लेकर 3-3 महीने में देखरेख संस्थानों में बच्चों को पढ़ाई के कोर्सेज और करियर विकल्पों को लेकर शिक्षित करें।
पीसी-पीएनडीटी एक्ट में करें औचक निरीक्षण
जिलाधीश ने शिशु लिंग जांच के मामलों पर पैनी नजर रखने के निर्देश देते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिले में स्वास्थ्य संस्थानों के औचक निरीक्षण को कहा। उन्होंने एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण की समीक्षा करें तथा गर्भपात के मामलों में कारणों की गहन पड़ताल करें।
हजारों पात्र महिलाओं को मिला विभाग की योजनाओं का लाभ
डॉ. निपुण जिदंल ने बैठक के उपरांत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मिशन शक्ति के तहत गत वर्ष जिले में 9385 गर्भवती महिलाओं को 3.79 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की गई है। इस योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली माताओं को पहले बच्चे के जन्म पर 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। दो संतानों के मामलों में वहीं दूसरा बच्चा लड़की होने पर भी 5000 की राशि प्रदान की जाती है। योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में डाली जाती है।
जिले में इस वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 87 लाभार्थियों को 44.37 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई है। वहीं, मुख्यमंत्री शगुन योजना में 311 लाभार्थियों को 96.41 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं। मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना में 3318 महिलाओं और 4951 बच्चों को कुल 1.43 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
इसके अलावा धर्मशाला में स्थित वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से 125 जरूरतमंद महिलाओं की मदद की गई है। वन स्टॉप सेंटर के जरिए जरूरतमंद बच्चियों, महिलाओं को काउंसलिंग, कानूनी सहायता, स्वास्थ्य उपचार तथा अस्थाई आवास जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
इसके अतिरिक्त वात्सल्य आफ्टर केयर योजना में बच्चों को कौशल विकास कोर्सेज के लिए करीब 7 लाख रुपये की मदद की गई है। वहीं वात्सल्य फोस्टर केयर योजना में 22 लाख रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में समग्र विकास और सुरक्षा पर बल
जिलाधीश ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में असहाय और जरूरतमंद बच्चों तथा महिलाओं की सुरक्षा और समग्र विकास पर बल दिया गया है। उन्होंने जिले में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जरूरी निर्देश दिए।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजेश शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी नरेंद्र जरयाल, जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच, सभी एकीकृत बाल विकास अधिकारी समेत अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे। वहीं, सभी खंड विकास अधिकारी वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से बैठक में जुड़े।

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