युवा को नौकरी नहीं रिटायर्ड को एक्सटेंशन और दोबारा नौकरी-सरकार का व्यवस्था परिवर्तन
हिमाचल के मेडिकल कालेजस से इस बार 650 एमबीबीएस डॉक्टर पास हुए हैं परंतु नौकरी किसी को नहीं। आज से 6 साल पहले माँ बाप के सपने को पूरा करने के लिए अपनी ज़िंदगी के खूबसूरत 6 साल एमबीबीएस की पदाई को देने के बाबजूद नौकरी नहीं और अगले साल से यह स्थिती और विकराल रूप ले लेगी। इस साल भी नीट का रिजल्ट निकल गया है और सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट के होर्डिंग सड़क किनारे अपने अपने छात्रों का नंबरों के साथ फोटो लगाये इस सपने के साथ की हम बनायेंगे आप के बच्चे को डॉक्टर के साथ झूल रहे हैं।
जो बच्चे एमबीबीएस कर चुके हैं वह सरकार से नौकरी की गुहार लगा रहे हैं परंतु सरकार व्यवस्था परिवर्तन के साथ साथ ख़ज़ाना ख़ाली का आलाप राग रही है।
नये को तो नौकरी का पता नहीं पर जिनकी सरकार में चलती है वह रिटायर होने के बाद भी सरकारी दामाद बने हुए हैं। सीएमओ काँगड़ा और सीएमओ हमीरपुर दोनों रिटायर होने के बाद दोनों ही रिम्पलोय्ड हो गए।
क़तार में लगे अपना सीएमओ बनने का सपना देख रहे सीनियर डॉक्टर क़तार में ही रह गये और बेरोज़गार रोजगार की तलाश में निवेदन पर निवेदन दे रहे।
अब यह कौन सा परिवर्तन है आप खुद ही अंदाज़ा लगा लीजिए।
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