धर्मशाला, 7 जुलाई। हिमाचल में प्रवासी परिंदों की शरणस्थली पौंग बांध के रैंसर टापू और पौंग के अन्य क्षेत्रों को हिमाचल सरकार पर्यटन हब के रूप में विकसित करेगी, इसके लिए प्रशासनिक तौर पर तैयारियां आरंभ हो गई हैं। शुक्रवार को उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने पर्यटन, वन्य प्राणी विंग के अधिकारियों के साथ रैंसर टापू का दौरा कर यहां पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने की दृष्टि से मौके का जायजा लिया। उन्होंने यहां अधिकारियों के साथ बैठक कर पौंग बांध क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से आधारभूत संरचना विकसित करने की कार्य योजना बनाते हुए अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के चलते प्रशासन द्वारा इसे लेकर निर्धारित समय पर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र में भी पर्यटन को विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं तथा सरकार के निर्देशानुसार यहां पर्यटन विकास को लेकर प्रशासन द्वारा गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यटन गतिविधियों के लिए खर्च किए जाएंगे 70 करोड़
जिलाधीश ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार पौंग बांध क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए 70 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए आज यहां अधिकारियों संग बैठक कर कार्य योजना बनाई गई। उन्होंने कहा कि पर्यटन के साथ-साथ यहां स्वरोजगार के अपार अवसर उपलब्ध करवाने की संभावनाएं हैं, जिनको लेकर प्रशासन द्वारा एक सम्पूर्ण खाका तैयार किया जाएगा।
इन गतिविधियों को किया जाएगा विकसित
डॉ. निपुण जिंदन ने कहा कि सरकार द्वारा पर्यटन राजधानी कांगड़ा में पर्यटन सहित साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कईं प्रकार की गतिविधियों को शुरु किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने पौंग बांध क्षेत्र का दौरा कर यहां साहसिक पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने की संभावनाओं का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र को मोटरबोट की सवारी, क्रूज, नौका अनुभव, शिकारा और रोमांचकारी राइड के लिए विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त यहां गर्म हवा के गुब्बारे, जेटी, एंगलिंग केन्द्र, एंगलर हट्स, पैडल बोट जैसी गतिविधियों के साथ एक मनोरंजन पार्क जैसी विभिन्न सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
पर्यावरण हितैषी टूरिज़म मॉडल होगा तैयार
डीसी ने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र और यहां के पानी को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हितैषी टूरिज़म मॉडल विकसित कर पौंग बांध क्षेत्र के वातावरण को शुद्ध रखने के पूर्ण प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वन विभाग के वन्य जीव विंग द्वारा पौंग डैम के सौंदर्यीकरण के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल साहसिक खेलों और प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए उपयुक्त स्थान होने के चलते, यहां इन गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
यह हैं पर्यटन राजधानी की प्रमुख परियोजनाएं
उपायुक्त ने कहा कि जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए कईं महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि जिले में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारिकरण, धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर, बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट एवं हाई एंड फाउंटेन, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक, परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, पालमपुर के मैंझा में वैडिंग रिसॉर्ट, हेलीपोर्ट निर्माण जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर कार्य जल्द शुरु किया जाएगा।
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