हाटी को जनजातीय घोषित कराने में सभी का योगदान-हर्षवर्दन चौहान

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गिरिपार क्षेत्र के लिए आज का दिन बड़ी खुशी का दिन है
हाटी समुदाए को जनजातीय घोषित करने की दशकों पुरानी माँग को केंद्रीय कैबिनेट ने आज मंज़ूरी दे दी है | हाटी को जनजातीय घोषित कराने में सभी का योगदान रहा है।


पूर्व की कांग्रेस सरकार भी समय समय पर इस मुद्दे को उठाती रही है |गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने के लिए 154 पंचायत के सभी लोगों ने प्रयास किए हैं। कांग्रेस पार्टी समय समय पर इस मुद्दे को कई बार उठा चुके है ।कांग्रेस ने 70 के दशक में केन्द्र सरकार से गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की सिफारिश की थी जिसके बाद ही पहली बार 1978 मे केन्द्र सरकार के जनजातीय आयोग ने इस क्षेत्र का दौरा किया था तत्पश्चात प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा 1985 में और उसके बाद 1994 में भी केन्द्र सरकार को इस बिषय में प्रस्ताव भेजे था उसके बाद भेजे गए एक और प्रस्ताव को 2002 में भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एन डी एए ने अस्वीकार कर दिया

2005 में प्राईवेट मेमेम्बर रेजोल्यूशन के तहत इस मसले को विधानसभा में उठाया, जिसके बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने इसे केन्द्र के जनजातीय मंत्रालय को भेजा था। 2011 में केन्द्र की कांग्रेस सरकार के समय गिरिपार क्षेत्र की हाटी समिति का एक प्रतिनिधि मंडल इस विषय पर तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से मिला इसके बाद मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2011में राज्य सरकार ( बीजेपी) से इस मसले पर शीघ्र ही विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया लेकिन हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार ने गिरिपार के इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया । भाजपा की प्रदेश सरकार ने दो साल तक इस विषय पर ना कोई सर्वेक्षण करवाया और ना ही कोई ठोस कार्यवाही की

2013 में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद , मेने खुद प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री वीरभद्रसिंह से गिरिपार क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण करके शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया था प्रदेश सरकार ने तत्काल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के जनजातीय शोध एवं अध्यन सस्थान कं लोकूर कामेटी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार गिरिपार क्षेत्र की सभी 154 पंचायतों के अध्यन सर्वेक्षण में जुट गई उसके बाद मेरे नेतृत्व में पूरे जिला सिरमौर का एक प्रतिनिधि मंडल 16 मई 2016 को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह से मिला था। प्रतिनिधि मंडल में गंगुराम मुसाफिर सहित क्षेत्र के कई लोग शामिल हुए उसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह जी ने एक महीने के अन्दर रिपोर्ट तैयार कर के केन्द्र सरकार को प्रेषित कर दी थी । प्रदेश सरकार की ओर से कहीं कोई कमी नहीं थी और ना ही कोई तकनीकी पेच था गेंद उस समय केन्द्र की भाजपा सरकार के पाले में थी।

भाजपा ने 2014 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी गिरिपार को जनजातीयक्षेत्र का दर्जा देने का वादा किया था और 2014 में ही नाहन में हुई एक चुनावी सभा में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी केंद्र में भाजपा सरकार बनाने के एक माह के अन्दर गिरि पार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का वादा किया था।


आज केंद्र सरकार की ओर से गिरिपार को जनजातीय घोषित करने की मंजूरी दे दी गई है जिसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमत्री श्री जयराम ठाकुर जी, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री राजा वीरभद्र सिंह जी का भी आभार व्यक्त करता हूं
और सभी क्षेत्रवासियों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।

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