मुख्यमंत्री ने आपदा में बेहतर कार्य करने पर विभाग व अधिकारी किए सम्मानित

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आज शिमला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की।
आपदा के दौरान विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है। इस आपदा में हिमाचली लोगों के परस्पर सहयोग तथा संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में भारी तबाही हुई है, लेकिन प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से विभिन्न स्थानों में फंसें 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 48 घंटों में सभी आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं। ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है। बेघर हुए परिवारों को किराए के आवास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपए प्रदान करने के साथ-साथ निःशुल्क राशन भी दिया जा रहा है। आपदा में भूमिहीन हुए परिवारों को घर बनाने के लिए शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार वर्षों में हिमाचल को आत्मनिर्भर तथा दस वर्षों में देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉकड्रिल का आयोजन कर सकेंगे, जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एस.के. नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डी.सी. राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकम्प से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से सम्बंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में आपदा का खतरा हमेशा ही बना रहता है तथा इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के सशक्त नेतृत्व में प्रभावी आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व बैंक और नीति आयोग ने भी की है। मुख्यमंत्री ने स्वयं आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाई, जिससे कई बहुमूल्य जानें बचाई जा सकीं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज जारी करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। हालांकि इस आपदा से निपटने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक प्रदेश को किसी तरह का विशेष राहत पैकेज नहीं दिया गया है।
प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने समर्थ कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की और इस दौरान आयोजित गतिविधियों की जानकारी प्रदान की।
विशेष सचिव डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र शर्मा, उप-महापौर उमा कौशल, उपायुक्त आदित्य नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

आपदा में बेहतर कार्य के लिए सम्मानित अधिकारियों और विभागों की सूची

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राकेश अग्रवाल, हि.प्र.राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक हरिकेश मीणा, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता, जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ संजीव कौल, कमांडेंट 14वीं बटालियन एनडीआरएफ, उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक मंडी सौम्या सांबशिवन तथा कुल्लू साक्षी वर्मा, पुलिस अधीक्षक एसडीआरएफ, निदेशक आईएमडी डॉ. सुरेंद्र पॉल, निदेशक अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग और एलाइड स्पोर्ट्स मनाली, एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा, एसडीएम इंदौरा तथा फतेहपुर व उनका स्टाफ, डिप्टी डायरेक्टर जनरल एचपीएलएसए बृज मोहन सेटिया, मुख्य महाप्रबन्धक बीएसएनएल, महाप्रबन्धक एयरटेल गुरमेल सिंह, मुख्य तकनीकी अधिकारी जियो निलेश, महाप्रबन्धक वोडाफोन तथा एसडीएमए से प्रवीण भारद्वाज, रोहित चौहान, विजय सिंह तथा नितिन शर्मा, एसएचओ सांगला अनिल शर्मा, विकास खण्ड अधिकारी बालीचौकी सुरेंद्र ठाकुर, तहसीलदार बालीचौकी नीतेश ठाकुर, कुल्लू हीरा चंद नालवा, शिमला शहरी एच.एल. घेजटा, पांवटा साहिब ऋषभ शर्मा, तहसीलदार सिंहुता सुरेंद्र कुमार, सांगला हरदयाल सिंह तथा तहसीलदार भावानगर चंद्र मोहन, अधिशाषी अभियंता हि.प्र.राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड थलौट जितेंद्र बिष्ट, कनिष्ठ अभियन्ता हि.प्र.राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड चुवाड़ी अभिमन्यु, कनिष्ठ अभियन्ता एनएचएआई किन्नौर सतीश कुमार, कैजुअल वर्कर माउंटेनियरिंग सब-सैंटर भरमौर कमलेश, चौकीदार पटवार सर्किल थरोच तहसील नेरवा गणेश चंद, कनिष्ठ अभियन्ता बीआरओ दीपक प्रोजेक्ट कुल्लू अपूर्व सचान, नायक ओईएम बीआरओ दीपक प्रोजेक्ट कुल्लू एम. किरण, राधा स्वामी सत्संग ब्यास मंडी के क्षेत्रीय सचिव चेत राम कौंडल, रेडक्रॉस सोसाइटी मंडी के सचिव ओ.पी. भाटिया तथा सहभागिता एनजीओ कुल्लू को आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में सराहनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त सर्वश्रेष्ठ आपदा प्रबंधन योजना पर प्रदेश भर के स्कूलों में आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। इनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मौहल जिला कुल्लू को प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया, जबकि शहीद श्री बालकृष्ण राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) कुल्लू तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठीपुरा जिला बिलासपुर को दूसरे पुरस्कार के रूप में 50-50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया गया। राजकीय उच्च पाठशाला सरोग जिला चंबा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बालिका) कुल्लू, राजकीय उच्च स्कूल परसदा हवाणी जिला मंडी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तुलाह जिला मंडी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) मंडी को तृतीय पुरस्कार के रूप में 25-25 हजार रुपये प्रदान किए गए।
शिमला शहर में आयोजित चित्रकला, नारा लेखन तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। नारा लेखन में राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर की सारिका शर्मा ने पहला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजौली के रोहित कुमार ने दूसरा तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टूटू की ज्योत्सना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भौंट के मन्नत ठाकुर ने पहला, राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर की प्ररेणा ने दूसरा तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बालिका) लक्कड़ बाजार की ईशिता ने तीसरा पुरस्कार जीता। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बालिका) लक्कड़ बाजार ने पहला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टुटू ने दूसरा तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी ने तीसरा पुरस्कार जीता।

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