धर्मशाला, 04 जनवरी। अरनी विश्वविद्यालय, इंदौरा के प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के बीच उठे मामले तथा मीडिया रिपोर्ट्स का जिला प्रशासन द्वारा कड़ा संज्ञान लिया गया है इस बाबत उपायुक्त कांगड़ा डा निपुण जिंदल ने अतिरिक्त उपायुक्त को तथ्यों की जांच करने तथा संबंधित लोगों का पक्ष सुनने के उपरांत तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
उपायुक्त द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि विवि प्रबंधन द्वारा कुछ कर्मचारियों सेवाएं कथित तौर पर समाप्त कर दी गई थीं। जिसके संबंध में एसडीएम इंदौरा मामले पर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया था। एसडीएम से प्राप्त रिपोर्ट में कहा गया कि जो कर्मचारी 28-12-2023 से शांतिपूर्ण हड़ताल पर बैठे थे, उन्होंने अब 03-01-2024 को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।
जबकि, कई मीडिया संस्थानों में समाचार पत्रों में ऐसी खबरें आई हैं कि पूरे मामले में स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रतिकूल भूमिका निभाई गई है। इससे पहले भी विश्वविद्यालय के उच्च प्रबंधन ने स्थानीय प्रशासन पर धमकी देने का आरोप लगाया था, जिसके संबंध में एसडीएम इंदौरा से रिपोर्ट मांगी गई थी।
उपायुक्त द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि नवीनतम मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर, स्थानीय प्रशासन के खिलाफ ऐसे आरोपों की सत्यता स्थापित करना जरूरी है, जैसा कि स्थानीय मीडिया के साथ-साथ अरनी विश्वविद्यालय के प्रबंधन की दलीलों में भी सामने आ रहा है। इसके अलावा, उन तथ्यों को जांच करना महत्वपूर्ण है जिनके कारण ऐसे आरोप लगे हैं और पूरे प्रकरण में स्थानीय प्रशासन की भूमिका को लेकर भी गहनता से जांच की जाएगी। इस के लिए अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल को गहन जांच करने तथा सभी संबंधित पक्षों को सुनने के उपरांत तीन सप्ताह के भीतर तथ्योन्वेषी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
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