धर्मशाला, 29 जनवरी। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन जागरूकता अभियान को लेकर पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें कुष्ठ उन्मूलन अभियान को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया। यह जानकारी देते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा डॉ राजेश सूद ने बताया ऐसे रोगी जिनकी त्वचा पर हल्के रंग या तांबी रंग का दाग हो या चमड़ी के रंग में बदलाव हुआ हो या हाथ या पांव में सुनपन हो यह कुष्ठ रोग हो सकता है ।अगर उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवानी चाहिए। जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि अगर हो तो इसका इलाज सरकार द्वारा मुफ्त किया जाता है। इसका इलाज लंबा चलता है लेकिन पूरा इलाज करने पर व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है । इस अवसर पर जिला कुष्ठ उन्मूलन अधिकारी डॉ तरुण सूद ने बताया कि कुष्ठ रोगी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए।आज किसी व्यक्ति के शरीर में इस रोग के रोगाणु प्रवेश करते हैं तो बीमारी के लक्षण आने में कई साल साल भी लग सकते हैं। कुष्ठ रोग भी आम बीमारियों की तरह एक बीमारी है तथा इसका शत-प्रतिशत इलाज मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) से संभव है और व्यक्ति आगे किसी भी प्रकार की विकलांगता से बच सकता है। अगर व्यक्ति अपनी दवाई समय से और बताए हुए समय तक खाता है तो वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगदंबा मेहता ने लोगों से आग्रह किया कि इस बीमारी को कोई दैवी प्रकोप ना समझते हुए आम बीमारी की तरह ही ले तथा समय रहते इसका इलाज करवाएं। स्वास्थ्य शिक्षिका श्रीमती अंजलि ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में लोगों का अटूट विश्वास होता है अतः ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य एक अहम भूमिका निभा सकते हैं अतः इस प्राप्त जानकारी को अपनी ग्राम सभा की बैठकों में साझा करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस इस बीमारी के प्रति जागरूक हो तथा समय रहते रोग का निदान एवं उपचार संभव हो सके।
Read Time:3 Minute, 11 Second
Average Rating