पारंपरिक मेलों के पुरातन रूप का संरक्षण होगा सुनिश्चित: डीसी
धर्मशाला, 10 अप्रैल। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला के पारंपरिक मेलों के पुरातन रूप का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा ताकि युवा पीढ़ी को पुरातन परंपराओं से अवगत करवाया जा सके।
बुधवार को दाड़ी में धूम्मु शाह मेले के दूसरे दिन भराड़ी मंदिर में पूजा अर्चना के साथ दंगल का शुभारंभ करने के उपरांत उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि धुम्मू शाह मेला एक जन आस्थाओं के साथ जुड़ा एक प्राचीन मेला है तथा इस मेले के स्वरूप को बरकरार रखने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे तथा आगामी वर्ष इस मेले को और भव्य रूप प्रदान किया जाएगा।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि भारत में कुश्ती की शुरूआत एक व्यायाम के रूप में हुई, लेकिन यह पेशेवर खेल के रूप में उभरा है, जो भारत को इंटरनेशनल लेवल पर शोहरत दिला रहा है। उन्होंने कहा कि खेलें जीवन को स्वस्थ रखने में अहम योगदान देती हैं तथा युवा पीढ़ी को इसमें बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि खेलों के साथ साथ संास्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जिला सांस्कृतिक परिषद के माध्यम से लोक कला की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
इससे पहले मेला अधिकारी एसडीएम संजीव भोट ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए धुम्मु शाह मेले आयोजन को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि मेले के आयोजन में आम जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। इस अवसर पर हिमाचल सहित पंजाब, हरियाणा तथा अन्य राज्यों के नामी पहलवानों ने अपने जौहर दिखाए। इस अवसर पर नगर निगम के ज्वाइंट कमीशनर सुरेंद्र कुमार, तहसीलदार गिरिराज सहित विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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