धर्मशाला, 26 अप्रैल। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विश्व मलेरिया दिवस ब्लॉक नगरोटा बगवा के हेल्थ वेलनेस सेंटर जदरांगल में मनाया गया। जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने बताया कि मलेरिया की बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है जो आमतौर पर गर्मियों तथा बरसात में ज्यादा तादाद में पाया जाता है । मच्छर के काटने के बाद 10 से 14 दिन के भीतर व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण आ जाते हैं, इसमें मनुष्य को सर्दी के साथ बुखार आता है। इसलिए जरूरी है कि जब भी बुखार आए तो मलेरिया के लिए खून की जांच जरुर करवाये तथा मलेरिया की पुष्टि होने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई का प्रयोग करें। इसकी दवाई स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त उपलब्ध होती है। मलेरिया गर्भवती माता और बच्चों में खतरनाक हो सकता है । अगर हम समय पर अपना इलाज न करवाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है ।
आगे जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया की मलेरिया से बचने के उपाय बड़े सरल हैं इसमें बुखार आने पर नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में जाकर अपने खून का परीक्षण करवाये । मलेरिया से बचाव के लिए अपने घर के इर्द-गिर्द साफ सफाई रखें । सुबह और शाम के वक्त मच्छर की अधिकता होने के कारण फुल स्लीव के कपड़े पहने। बच्चों को मच्छर से बचने के लिए कीट निवारक लोशन या क्रीम लगाकर बाहर भेजें। आसपास जितने भी गड्ढे हैं जिसमें पानी भरा होता है उसे मिट्टी से भर दे। पानी कहीं भी खड़ा ना होने दे। फूलों के गमले के नीचे जो ट्रे रखी होती है उसमें भी पानी को जमा ना होने दे। कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहे । घर में जाली का दरवाजा बंद रखें ताकि घर में मच्छर प्रवेश न कर सके और रात को सोने पर मच्छरदानी का प्रयोग करें । घर के आसपास ज्यादा झाड़ियां ना होने दे उन्हें तुरंत काट दे ।
विश्व मलेरिया दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इस जानलेवा रोग के प्रति जागरूक करना है। ताकि हर साल मलेरिया से होने वाली लाखों की मृत्यु को रोका जा सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आवाहन किया मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए जागरूकता अत्यंत जरूरी है। ताकि लोगों को इस गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल सके।
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