ऊना जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल से परखी आपदा प्रबंधन की तैयारी

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ऊना, 14 जून। बाढ़-भूस्खलन और औद्योगिक इकाइयों में अग्नि दुर्घटना जैसी किसी आपदा के समय बेहतर प्रबंधन और पूर्व तैयारी के आकलन के लिए ऊना जिला प्रशासन ने 14 जून को मेगा मॉक ड्रिल की। इस दौरान जिले में चिन्हित 5 स्थलों पर बाढ़, भू-स्खलन, औद्योगिक आपदा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर राहत-बचाव कार्य किए गए। 
 जिला प्रशासन ने पूरी मॉक ड्रिल को वास्तविक घटना की तरह लेकर ही अपनी प्रतिक्रिया की। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र पॉल गुर्जर खुद मोर्चे पर डटे रहे। उन्होंने असल घटना की तरह ही आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी देखी।
बता दें, यह एक प्रदेश व्यापी मॉक ड्रिल थी, जिसमें ऊना समेत प्रदेश के सभी जिलों ने भाग लिया। 
व्यावहारिक समस्याएं पहचानीं
बाद में, महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा के समय में जिला प्रशासन की आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना और मानक संचालन प्रक्रियाओं का मूल्यांकन करना था। इसमें प्रतिक्रिया में लगने वाले समय, समन्वय में गैप समेत अन्य कमियों को जांचा गया, साथ ही फील्ड में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं की पहचान की गई, जिससे आगे सुधारात्मक कदम उठा कर आपदा प्रबंधन योजना को और कारगर बनाने में मदद मिलेगी।
 उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम आने को है और इसमें सम्भावित भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से आपदा की स्थिति बनती है। वहीं औद्योगिक इकाइयों में जलभराव, गैस रिसाव या आग लगने जैसी दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। ऐसे में जन सुरक्षा तय बनाने और आपदा से होने वाले संभावित नुकसान को कम करने के लिए अधिकारियों को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अपने दायित्वों की जानकारी, विभागों की आवश्यक पूर्व तैयारी और मुस्तैदी बहुत आवश्यक है। इसमें यह मॉक ड्रिल बहुत सहायक रही।
ये रहा मॉक ड्रिल का घटनाक्रम
मॉक ड्रिल में शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे जिला आपदा प्रबंधन केंद्र में जिले के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण विकट परिस्थिति उत्पन्न होने की सूचना प्राप्त होते ही ऊना जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वाट्सएप ग्रुप में संदेश प्रसारित होते ही तमाम अधिकारी कर्मचारी अपने अपने दायित्व के मुताबिक कार्यों में जुट गए। 
  इसी बीच उपायुक्त कार्यालय में बनी कमांड पोस्ट समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी शाखाएं चालू हो गईं। इसी दौरान कमांड पोस्ट में भारी बारिश के चलते जिले में 5 जगहों के आपदा प्रभावित होने की सूचना प्राप्त हुई। इसके साथ ही उपमंडल स्तर पर गठित त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय हो गईं तथा संबंधित एसडीएम के नेतृत्व में राहत-बचाव ऑपरेशन शुरू किए गए। ये टीमें घटना स्थलों पर पर पहुंच कर राहत बचाव कार्यों में जुट गई हैं। इसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों का भी सहयोग लिया गया। 
ये 5 जगहें आपदा प्रभावित
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि ऊना जिले में भारी बारिश के चलते आपदा की सूचना और प्रतीकात्मक नुकसान मानकर जिले में 5 स्थानों पर मॉक ड्रिल की गई।
मॉक ड्रिल के तहत गगरेट उपमंडल के गगरेट के टटेहड़ा गांव में स्वां नदी के समीप बाढ़ के खतरे को देखते हुए एहतियातन लोगों को वहां से निकालने का कार्य किया गया। वहीं बंगाणा उपमंडल में नलूट गांव के पास लठियाणी-बड़सर रोड़ पर भूस्खलन की सूचना मिलने पर सड़क बहाल करने तथा मलबे में दबे वाहनों और वहां फंसे लोगों को निकालने की ड्रिल की गई। 
ऊना के इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, टर्मिनल के पेखूबेला में तेल रिसाव से आग लगने की दुर्घटना तथा उसमें करीब 50 कामगारों के फंसे होने के काल्पनिक परिदृश्य के साथ राहत बचाव कार्य किए गए। हरोली उपमंडल के तहत राजकीय प्राइमरी एंड मिडल स्कूल जननी, पोलियां बीत में भूस्खलन से बच्चों और अध्यापकों के फंसे होने और अम्ब उपमंडल के पिंडी दास आश्रम और नेत्र चिकित्सालय अम्ब में मरीजों और स्टाफ के फंसे होने जैसी स्थितियों को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
ऊना के पेखूबेला में जहां एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान ने मोर्चा संभाला, वहीं हरोली के एसडीएम राजीव ठाकुर ने जननी पोलियां बीत और गगरेट के एसडीएम सौमिल गौतम ने टटेहड़ा में आपदा प्रबंधन का जिम्मा संभाला। बंगाणा और अंब के तहसीलदारों ने भी अपने अपने क्षेत्र में वास्तविक घटना की तरह ही आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी देखी।
आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर
 इस पूरे घटनाक्रम में स्टेजिंग एरिया, प्लानिंग और लॉजिस्टिक पोस्ट, रेस्क्यू ऑपरेशन, रास्ते बहाल करने को मशीनरी का प्रयोग, घायलों को मौके पर मेडिकल सहायता के लिए देने, एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल ले जाने, प्रभावितों को राहत शिविरों में पहुंचाने, राशन वितरण व्यवस्था देखने समेत स्थिति को सामान्य बनाने से जुड़े आपदा प्रबंधन के हर पहलू पर गौर करने के साथ सभी उपायों को परखा गया। 
मॉक ड्रिल के उपरांत डीब्रिफिंग
मॉक ड्रिल पूर्ण होने के उपरांत राज्य मुख्यालय शिमला से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से इस अभ्यास से प्राप्त सीख और अनुभव पर सभी जिलों से फीडबैक ली। इस दौरान एसडीएम ऊना विश्वमोहन देव चौहान ने जिले में मॉक ड्रिल के सकारात्मक व विचारणीय बिंदुओं की जानकारी दी।

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