चंबा, 28 अगस्त
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आज ज़िला के किसानों व बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (आईएचबीटी) के हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही विभिन्न स्थाई आजीविका गतिविधियों के तहत वर्तमान समझौता ज्ञापन के आधार पर अगले तीन वर्षों की कार्य योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के वीडियो कॉन्फ्रेंस कक्ष में आज एक बैठक का आयोजन किया गया ।
बैठक में उपायुक्त ने ज़िला में नगदी फसलों की पैदावार को और अधिक बढ़ाए जाने आवश्यकता पर जोर देते हुए कृषि उपनिदेशक को विदेशी सब्जियों (exotic vegetables) की पैदावार के लिए पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर कार्य योजना तैयार करने को कहा । साथ में उन्होंने ज़िला में शिटाके (shiitake) प्रजाति के मशरूम उत्पादन को लेकर भी कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को संयुक्त कार्य योजना तैयार करने को निर्देशित किया ।
मुकेश रेपसवाल ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को ज़िला में जलवायु के अनुरूप हिंग, केसर, जंगली गेंदा, लैवेंडर सहित अन्य सुगंधित फूलों की खेती को बढ़ावा देने तथा आईएचबीटी पालमपुर के साथ वर्तमान समझौता ज्ञापन के आधार पर विभिन्न फसलों को बढ़ावा देने के लिए उप मंडल स्तर पर कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए ।
उपायुक्त ने कार्य योजना को प्रभावी बनाने के लिए जानकारी एवं जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने को निर्देशित किया । साथ में उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूहों को सभी गतिविधियों का हिस्सा बनाया जाए ।
बैठक में कृषि की उन्नत नव तकनीक हाइड्रोपोनिक तथा ऐयरोपोनिक पर भी चर्चा हुई ।
इससे पहले बैठक में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों ने हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ गत समझौता ज्ञापन के आधार पर वर्ष 2021 से जुन 2024 तक ज़िला में हिंग, केसर, जंगली गेंदा, लैवेंडर इत्यादि नगदी फसलों को लेकर की गए कार्यों का ब्यौरा रखा।
अतिरिक्त ज़िला दंडाधिकारी अमित मैहरा, महाप्रबंधक उद्योग चंद्रभूषण, उपनिदेशक कृषि डॉ. कुलदीप धीमान, ज़िला विकास अधिकारी ओम प्रकाश ठाकुर, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास राकेश कुमार, अर्थशास्त्री विकास विनोद कुमार, विषय वस्तु विशेषज्ञ उद्यान डॉ. अलक्ष पठानिया बैठक में उपस्थित रहे ।
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