बधिर जागरूकता सप्ताह के तहत किया विद्यार्थियों से संवाद

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धर्मशाला, 2 सितम्बर। बधिर जागरूकता सप्ताह के तहत आज गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज राजपुर के विद्यार्थियों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने संवाद कर उन्हें इस विषय पर जागरूक किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने बताया कि जिला कांगड़ा स्वास्थ्य विभाग द्वारा पालमपुर में बधिर जागरूकता सप्ताह मनाया गया। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनुराधा ने छात्रों को बधिर जागरूकता सप्ताह के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इसके साथ ही एचआईवी एड्स के बारे में भी छात्रों को जागरूक किया गया। बच्चों को बताया गया कि एचआईवी की जांच करवाना बहुत जरूरी है। जिससे आप इस भयंकर बीमारी से बच सकते हैं।
डॉ. अनुराधा ने विद्यार्थियों को बहरेपन के कारण, लक्षण, इसकी रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि बहरापन आनुवंशिक हो सकता है, रूबेला से पीड़ित गर्भवती महिला से उसके बच्चे को हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिन बच्चों को कान इंफेक्शन बार-बार होता है, कान के वैक्स का जम जाना और कान के भीतरी हिस्से में क्षति होना भी इसका कारण है। इसके अलावा जो लोग ज्यारा शोर शराबे वाली जगह काम करते हैं या जिनके कान में छेद हो जाता है वे इससे ग्रसित हो सकते हैं।
यह हैं लक्षण
उन्होंने इसके लक्षणों की जानकारी देते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को अगर आवाज को सुनने में परेशानी हो, साफ सुनाई ना देता हो, पीछे से आने वाली आवाज या भीड़ में किसी की आवाज सुनने में असमर्थ हो, टीवी रेडियो या अन्य यंत्रों को तेज आवाज में सुनना इसके लक्षण होते हैं।
धीमी आवाज में चलाएं टीवी, इयरफोन के उपयोग से बचें
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इसके बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि ज्यादा शोरगुल वाली जगह में जाने से परहेज करना चाहिए। अपने घर में टीवी रेडियो और दूसरे यंत्रों की आवाज को धीमा करके सुनना चाहिए। कानों में इयरफोन नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई परेशानी आती है तो तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बहरेपन के कारणों का शीघ्र पता लगाने और उपचार के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, बहरेपन की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे विभिन्न कार्यक्रम चलाए गए हैं। उपचार में श्रवण यंत्र, कर्णावत प्रत्यारोपण, वाक् चिकित्सा, सांकेतिक भाषा शामिल हैं। उन्होंने इससे संबंधित टीकाकरण के बारे में भी बताया।
बधिर लोगों से करें सम व्यवहार
डॉ. अनुराधा ने बताया कि बधिर लोग समाज से अलग-थलग रहते हैं, ये हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि बधिर लोगों से हम ऐसा ही व्यवहार करें जैसा आम लोगों से करते हैं। उन्होंने कहा कि बधिर लोगों के साथ धैर्य के साथ संवाद करने का प्रयास करें।
सामान्य लोग भी कर सकते हैं साइन लैंग्वेज का उपयोग
इसके बाद पालमपुर सिविल अस्पताल की ऑडियोलॉजिस्ट मीनाक्षी ने साइन लैंग्वेज के बारे छात्रों को जागरूक किया। जो लोग बिल्कुल सुन या बोल नहीं पाते उनके लिए अपने भावों को कैसे व्यक्त किया जाए इस बारे में उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइन लैंग्वेज का उपयोग केवल बहरे और गूंगे लोग ही नहीं हम भी कर सकते हैं।
पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को किया पुरस्कृत
कॉलेज में इस दौरान पोस्टर मेकिंग कंपटीशन करवाया गया। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले छात्रों को जिला कार्यक्रम अधिकारी और कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विवेक शर्मा द्वारा पुरस्कृत किया गया। नयन को प्रथम, महक को द्वितीय तथा स्नेहा को तृतीय पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में पंडित अनंत राम रोटरी सेवा फाउंडेशन के बच्चों ने भी भाग लिया।
यह रहे उपस्थित
स्वास्थ्य शिक्षिका अर्चना गुरुंग, ऑडियोलॉजिस्ट मीनाक्षी, आईसीटीसी काउंसलर रोजी सहित आशा कार्यकर्ता तथा कॉलेज का स्टाफ इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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