नशा मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम – मुकेश रेपसवाल

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नशा मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए युवा पीढ़ी सहित समाज के सभी वर्गों को नशे के दुष्प्रभावों बारे जागरूक व संवेदनशील किए जाने की आवश्यकता है, इस दिशा में जिला के प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में युवाओं  को विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक करने के लिए बेहतरीन प्रयास किए जाएं। यह निर्देश उपयुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल ने जिला में नशे से संबंधित मांग व आपूर्ति को समाप्त करने के विषय में आयोजित बैठक के दौरान उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिए।  पुलिस विभाग चंबा की ओर से आयोजित इस बैठक में सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने जिला चंबा में मादक पदार्थों की आपूर्ति व खपत के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की।
मुकेश रेपसवाल ने कहा कि आज समाज में नशे का बढ़ता प्रचलन समाज व देश के भविष्य के लिए एक चिंता का विषय है तथा सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के सांझा प्रयासों से इस समस्या को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में जागरूकता एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसके अलावा नशे के आदि व्यक्तियों का चिकित्सीय विधि द्वारा सही उपचार प्रदान कर उन्हें सामान्य जीवन प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समूचे जिला चंबा सहित बनीखेत व डलहौजी इत्यादि क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में युवा पीढ़ी को नशे के दुष्प्रभावों वारे जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। इसके अतिरिक्त जिला में डलहौजी व बनीखेत के आसपास के क्षेत्रों में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि चयन के लिए भी सार्थक कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में नशे के आदि व्यक्तियों को नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से सामान्य जीवन प्रदान करने में मदद की जा सके।
मुकेश रेपसवाल ने कहा कि युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षण संस्थानों में आयोजित की जाने वाली नियमित गतिविधियों में विभिन्न प्रकार के नशों  से होने वाले दुषप्रभावों वारे युवा पीढ़ी को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तंबाकू कंपनियों द्वारा तंबाकू उत्पादों से संबंधित किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष व परोक्ष विज्ञापन करने पर पाबंदी है तथा इस संबंध में प्रथम बार दोषी पाए जाने पर 1000 रूपए जुर्माना या 2 वर्ष की सजा अथवा दोनों तथा दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 5000 रूपए जुर्माना या 5 वर्ष की सजा अथवा दोनों हो सकते हैं। उन्होंने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए की सार्वजनिक स्थलों पर बीड़ी सिगरेट के इस्तेमाल की रोकथाम की दिशा में कड़े कदम उठाए जाएं। इसके अलावा पैकेट रहित खुली बीड़ी सिगरेट की बिक्री करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। बैठक में विभिन्न उपमंडलाधिकारियों (ना) व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावा अन्य विभागीय अधिकारियों ने भी  मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए भविष्य में और बेहतर प्रयास करने वारे अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मेहरा,  एसडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, एसडीएम सलूनी नवीन कुमार, एसडीएम डलहौजी अनिल भारद्वाज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विपिन ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार, उप पुलिस अधीक्षक डलहौजी हेमंत कुमार ठाकुर,  प्रारंभिक शिक्षा विभाग के ओएसडी उमा कांत सहित कई अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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