ऊना, 10 अक्तूबर। अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर ने बैंकों को सरकारी योजनाओं के तहत ऋण आवेदनों की समय पर मंजूरी देने और बैंकिंग प्रणाली में हो रही धोखाधड़ी से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने ग्राहकों को जागरूक और सतर्क करने के लिए सतर्कता अभियान चलाने पर भी जोर दिया। वे गुरुवार को जिला स्तरीय बैंक सलाहकार एवं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें वर्ष 2024 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बैंकों द्वारा लक्ष्यों के मुकाबले की गई उपलब्धियों की समीक्षा की गई।
महेंद्र पाल गुर्जर ने बैंकों की वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत की गई उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन प्राथमिक क्षेत्र में ऋण वितरण की कम उपलब्धि पर चिंता जताई। उन्होंने सभी बैंकों को जमा-ऋण अनुपात बढ़ाने और प्राथमिक क्षेत्र में ऋण वितरण में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों और नीतियों का पालन करते हुए बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिक से अधिक लोगों को ऋण योजनाओं का लाभ मिले, जिससे आमजन और उद्यमियों को लाभ पहुंच सके।
इस दौरान मुख्य जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक लहरी मल ने बैठक में बताया कि जिले के बैंकों ने जून 2024 तक 2,392.78 करोड़ रुपये के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 930.40 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए। उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वे किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए कृषि उपकरणों के लिए ऋण वितरित करें और लघु उद्योगों को बढ़ावा दें।
बैठक में जानकारी दी गई कि ऊना जिले में बैंकों की जमा राशि 14,336.12 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिसमें 11.82 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई है, जबकि ऋण राशि 11.16 प्रतिशत की दर से बढ़कर 4,308.91 करोड़ रुपये हो गई है। हालांकि, जिला का ऋण-जमा अनुपात 30.06 प्रतिशत रहा, जो राष्ट्रीय लक्ष्य से काफी कम है। इस अनुपात को सुधारने के लिए बैंकों और सरकारी विभागों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
बैठक में बताया गया कि जिले के बैंकों ने अब तक 68,375 किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए हैं, जिनमें से जून तिमाही में 968 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। कृषि ऋण की राशि 824.12 करोड़ रुपये है, जो कि कुल ऋणों का 19.12 प्रतिशत है।
नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक श्रीमती सबरीना राजवंशी ने बैठक में उपस्थित सदस्यों से अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह, संयुक्त देयता समूह और नए किसान क्लब बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने सभी किसानों को कृषि कार्ड उपलब्ध कराने की अपील की।
बैठक में पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक पियूष कुमार, भारतीय रिजर्व बैंक के जिला अग्रणी अधिकारी राहुल जोशी, आरसेटी निदेशक पारुल विरदी, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक विनय शर्मा, बागवानी विभाग के उपनिदेशक के.के. भारद्वाज, कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलभूषण धीमान, मत्स्य विभाग के उपनिदेशक विवेक शर्मा, पीओ डीआरडीए ऊना शेफाली शर्मा सहित विभिन्न बैंकों के जिला समन्वयक और सरकारी व गैर-सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे।
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