राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज अपनी धर्मपत्नी जानकी शुक्ल के साथ अटल टनल का दौरा किया। उन्होंने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के वरिष्ठ अधिकारियों से एस्केप (निकास) टनल के बारे में जानकारी प्राप्त की।
राज्यपाल ने कहा कि 10,000 फीट की ऊंचाई पर निर्मित 9 किलोमीटर लम्बी यह विश्व की सबसे ऊंची राजमार्ग सिंगल-ट्यूब टनल है, जो जिला लाहौल-स्पीति तथा कुल्लू के दोनों तरफ के क्षेत्रों को जोड़ती है। यह टनल पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के अलावा स्थानीय लोगों के लिए वर्ष भर सम्पर्क सुविधा सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इससे मनाली-केलांग-लेह के बीच दूरी घटने से यात्रा का समय भी कम हुआ है।
बीआरओ के कमांडिंग ऑफिसर संदीप सिंह ने राज्यपाल को एस्केप टनल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि यह टनल प्रत्येक 400 मीटर पर खुलती है। उन्होंने कहा कि यह टनल उन अधिकांश स्थानों को बाईपास करती है, जो हिमस्खलन और यातायात की दृष्टि से संवेदनशील हैं।
जिला लाहौल-स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने टनल के नॉर्थ पोर्टल पर राज्यपाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
इसके उपरांत, राज्यपाल ने सिस्सू झील का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आने वाले सैलानियों की यात्रा लाहौल की खूबसूरत घाटियों का आनन्द लिए बिना अधूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बीआरओ के माध्यम से इस क्षेत्र में बेहतर सड़क सुविधाएं प्रदान की गई हैं और प्रदेश सरकार पर्यटकों और क्षेत्रवासियों को अन्य सुविधाएं सुनिश्चित कर रही हैं।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हालांकि पूरा हिमाचल बेहद खूबसूरत है, लेकिन लाहौल की सुंदरता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हमें इसकी पवित्रता, वातावरण और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
इसके उपरांत, राज्यपाल रोहतांग के रास्ते मनाली लौटे।
इससे पूर्व, प्रातःकाल उन्होंने मनाली में वशिष्ठ ऋषि मंदिर में पूजा-अर्चना की।
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