कार्यक्रम के मुख्य अतिथि को सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ पी. सी. कपूर ने शॉल और टोपी भेंट कर सम्मानित किया तथा संघ अध्यक्ष कार्तिक ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस दौरान मुख्यातिथि ने गद्दी छात्र कल्याण संघ की वेबसाइट को लांच किया।
मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गद्दी समुदाय की संस्कृति सदियों पुरानी है। आज पूरे हिमाचल में गद्दी समुदाय फल फूल रहा है। आधुनिकता के इस दौर में भी इस समुदाय ने अपनी संस्कृति को संरक्षित करके रखा है। उन्होंने कहा कि गद्दी समुदाय ने हिमालय को सहेजा है और इन्हीं के दिए हुए रास्तों पर आज सड़कें बनी है।
उन्होंने कहा कि हिमालय के पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को आगे आना होगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि हिमाचल प्रदेश को स्वच्छ बनाने के अपनी अपनी भूमिका निभाना तय करें। कांगड़ा और चंबा क्षेत्र में गद्दी समुदाय भारी तादाद में रहते है।
उन्होंने कहा कि गद्दी छात्र कल्याण संघ बेहतरीन गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। इससे छात्रों को काफी फायदा होगा। छात्रों के हुनर को मंच के माध्यम से निखारा जा सकता है। छात्रों को संचार के ऊपर कार्य करना चाहिए। बेहतर संचार शैली जीवन में हमेशा भीड़ से अलग रखना सिखाती है। उन्होंने कहा हमें कभी भी अपनी संस्कृति को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने छात्रों से आवाहन किया कि जब वह किसी भी क्षेत्र में सफल हो जाए तो अपने शिक्षण संस्थान और शिक्षकों के लिए योगदान देने की कोशिश अवश्य करें।
गोकुल बुटैल ने कहा कि प्रदेश सरकार के हिमाचल लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस ऐप के माध्यम से घर बैठे लाइसेंस बनाए जा सकता है। ऐप के माधयम से प्रदेश में अभी तक 5 हजार लोगों को लाइसेंस दिए जा चुके है। इसी कड़ी में अब जाति प्रमाण पत्र भी लोक मित्र केंद्रों के माध्यम से प्रदेश की जनता को मुहैया करवाएं जाएंगे। प्रदेश सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्पकृत है।
इस दौरान सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ पीसी कूपर, गद्दी छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष कार्तिक, महासचिव अक्षय, प्रबंधन समिति में अक्षित, शुभम, प्रियंका, आंचल, उपाध्यक्ष उदित विशिष्ट, सांस्कृतिक प्रमुख वंदना, निखिल, मनीषा, अक्षिता, साहिल, दीक्षा, विचलित, साहिल, अतुल आदि भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
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