हिमाचल में सौर ऊर्जा क्रांति का अगुआ बना ऊना जिला

Read Time:6 Minute, 15 Second

ऊना, 19 अक्तूबर. जल विद्युत उत्पादन में अपनी सशक्त पहचान बनाने के बाद, हिमाचल प्रदेश अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयां छूने की दिशा में अग्रसर है, और ऊना जिला इस ऊर्जा क्रांति का प्रमुख अगुआ बन चुका है। ऊना जिले में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है, जो हिमाचल कोे हरित ऊर्जा राज्य बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की पूर्ति में निर्णायक भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में हरित ऊर्जा पर केंद्रित योजनाओं के चलते जिले में कई सौर परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनसे जिले में न केवल स्थानीय विकास को गति मिलेगी, बल्कि राज्य की ऊर्जा आवश्यकताएं भी पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से पूरी होंगी।
320 करोड़ की तीन बड़ी सोलर परियोजनाएं
वर्तमान में ऊना जिले में हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के सौजन्य से करीब 320 करोड़ रुपये की लागत की तीन प्रमुख सौर ऊर्जा परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 47 मेगावाट है। इन परियोजनाओं में से एक पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है, जबकि अघलौर और भंजाल में अन्य दो परियोजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है।
जून 2024 में, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 32 मेगावाट क्षमता वाली पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ किया। 220 करोड़ रुपये की इस परियोजना से सालाना 6.61 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे राज्य को 19.17 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इस परियोजना से हर साल 2,532 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी बल मिलेगा। परियोजना के निर्माण के दौरान 19,200 मानव कार्य दिवसों का सृजन हुआ, जिससे स्थानीय रोजगार में भी वृद्धि हुई।
ऊना जिले में ही, मुख्यमंत्री ने अघलौर और भंजाल में दो सौर परियोजनाओं के नींव पत्थर रखे हैं। अघलौर में 68 करोड़ रुपये की लागत से एक 10 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण हो रहा है। यह परियोजना 19 हेक्टेयर भूमि पर फैली होगी और इससे सालाना 22.73 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होने की उम्मीद है। इस परियोजना से राज्य को प्रति वर्ष 8 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इसके साथ ही, भंजाल में 31 करोड़ रुपये की लागत से 5 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना पर भी कार्य किया जा रहा है। यह परियोजना 9 हेक्टेयर में फैली होगी और इससे 10.54 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। इन परियोजनाओं से ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ राज्य के राजस्व में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।
हरित ऊर्जा राज्य की दिशा में अग्रसर हिमाचल
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में, हिमाचल प्रदेश 2026 तक देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। इसके तहत, राज्य सरकार ने 500 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें ऊना जिले की सौर परियोजनाएं विशेष योगदान देंगी। ऊना जिले में स्थापित सौर परियोजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ रही है, जिसमें ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
स्थानीय समृद्धि और आत्मनिर्भरता
इन सौर परियोजनाओं से ऊना जिले की स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि ये परियोजनाएं ऊना की आर्थिक समृद्धि और आत्मनिर्भरता को सुदृढ़़ करेंगी, जिससे यहां के निवासियों को रोजगार और विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही ये हिमाचल प्रदेश को एक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी।
ऊना के उपायुक्त जतिन लाल ने भी इस बात पर जोर दिया कि ऊना की सौर ऊर्जा परियोजनाएं जिले के विकास में सहायक होने के साथ ही जिलावासी इन परियोजनाओं से मिलने वाले रोजगार और आर्थिक अवसरों का भरपूर लाभ उठा सकेंगे, जिससे जिले में एक नई ऊर्जा का संचार होगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post समर्थ-2024 के तहत कलाकारों ने विभिन्न स्थानों में लोगों को किया जागरूक
Next post जिला प्रशासन तथा पर्यटन विभाग करेगा ‘चंबा-अचंभा’ फोटो प्रतियोगिता-2024 का आयोजन
error: Content is protected !!