आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के युग में नई संभावनाओं का द्वार खुला, ज्ञान और कौशल की आवश्यकता – हर अच्छे काम का हमेशा विरोध होता है: धर्मानी

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घुमारवीं, 26 अक्टूबर – नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री श्री राजेश धर्मानी ने आज घुमारवीं के जगन पैलेस में आयोजित शिवम् इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग के 19वें वार्षिक पारितोषिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर चार जिलों से आए लगभग 1400 बच्चों ने भाग लिया और अपनी कला व कौशल का प्रदर्शन किया। समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई।

अपने संबोधन में धर्मानी ने कहा कि वर्तमान समय में व्यावसायिक प्रशिक्षण अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है, और यह बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का आधार बनाता है। उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत करने और अपने कौशल को निरंतर सुधारते रहने की सलाह दी, ताकि वे भविष्य में सफल करियर की ओर कदम बढ़ा सकें। इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी और सकारात्मक व रचनात्मक कार्यों में संलग्न रहने के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दौर में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और व्यापार समेत सभी क्षेत्रों में नई संभावनाओं का द्वार खोल दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, एआई का कुशल उपयोग केवल तकनीकी जानकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें व्यावसायिक समझ, नैतिकता, और गोपनीयता जैसे महत्वपूर्ण पहलू भी शामिल हैं, जो इसके प्रभाव को गहराई से प्रभावित करते हैं।

उन्होंने कहा कि एआई के क्षेत्र में डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, प्रोग्रामिंग, और समस्या-समाधान जैसी कुशलताएँ अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। उन्होंने युवाओं से इस क्षेत्र में निरंतर सीखने और नई तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया, ताकि वे तेजी से बदलते तकनीकी युग में अपने कौशल को और निखार सकें।

धर्मानी ने कहा कि समाज में हर अच्छे कार्य के विरोध होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे कंप्यूटरीकरण की शुरुआत में और महिलाओं को उनके अधिकार देने में विरोध का सामना करना पड़ा, वैसे ही तकनीकी और नवाचारी कदमों में चुनौतियाँ आ सकती हैं। उन्होंने एआई के युग में नवाचारी सोच रखने वाले युवाओं को स्टार्टअप्स के माध्यम से नए उद्यमों की शुरुआत करने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।

इसके अलावा, उन्होंने युवाओं के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। युवाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश देते हुए उन्होंने योग, ध्यान, और नियमित व्यायाम के महत्व पर जोर दिया, जिससे वे मानसिक तनाव को कम कर सकें और अपने जीवन में संतुलन बना सकें। उन्होंने युवाओं को नैतिक मूल्यों का पालन करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया, यह बताते हुए कि नैतिकता और ईमानदारी, न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि पेशेवर जीवन में भी सफलता की कुंजी हैं।

धर्मानी ने सोशल मीडिया का उपयोग सही तरीके से करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने युवाओं को बताया कि सोशल मीडिया एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसका सही उपयोग उन्हें ज्ञान, जानकारी और प्रेरणा के नए स्रोतों से जोड़ सकता है। उन्होंने सलाह दी कि सोशल मीडिया पर सकारात्मक सामग्री साझा करें और नकारात्मकता से दूर रहें।

समारोह में धर्मानी ने नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया और युवाओं को स्टार्टअप और स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया, ताकि वे समाज और राष्ट्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

इस अवसर पर एसआईवीटी के अध्यक्ष दिनेश भुट्टो, प्रबंध निदेशक सतीश शर्मा, विधिक सलाहकार संजीव डोगरा, मुख्य सलाहकार पंकज शर्मा, और सदस्य विजय कुमार ने भी बच्चों को पुरस्कार वितरित किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की|

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