उपायुक्त तोरुल एस रवीश की अध्यक्षता में शनिवार को पी०एम० सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से सम्बंधित बैठक आयोजित हुई।
उपायुक्त ने इस योजना के बारे में जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस योजना के अंतर्गत शुरुआती तौर पर लाये जाने वाले संभावित क्षेत्रों को भी चिन्हित करने को कहा ताकि इस योजना के फायदों के बारे क्षेत्र के अन्य लोगो को भी समझा कर उन्हें इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत रूफटाप से उत्पादित बिजली मुफ्त होगी, जिसका उपयोग उपभोक्ता अपने विद्युत आवश्यकता की पूर्ति हेतु कर सकेगा।
बैठक में बताया गया कि सोलर रूफटॉप संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वारा करने के उपरान्त अतिरिक्त विद्युत ग्रिड में चली जाती है, जिसका नेट मीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में किया जाता है। उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रों की स्थापना में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 03-04 वर्षों में हो जाती है। संयंत्र का जीवनकाल लगभग 25 वर्ष का होता है। अतः शेष 21 वर्ष तक संयंत्र से उत्पादित विद्युत उपभोक्ता को निःशुल्क प्राप्त होती रहेगी। इस हेतु सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान दिया जा रहा है ।
बैठक में परियोजना अधिकारी हिम ऊर्जा प्रेम दास द्वारा बताया गया कि सरकार द्वारा संयंत्र क्षमता के हिसाब से 01 किलोवाट पर अनुदान 30 हजार, 02 किलोवाट संयंत्र क्षमता पर 60 हजार एवं 03 किलो वाट एवं उससे अधिक संयंत्र क्षमता पर अनुदान 78 हजार दिया जाएगा।
संयंत्र की स्थापना के उपरान्त सरकार से प्राप्त अनुदान उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु नेशनल पोर्टल http://pmsuryaghar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। लाभार्थियों के लिए आरटीएस सिस्टम लगाने की सामान्य प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर नंबर एवं अन्य आवश्यक विवरण के साथ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें। रजिस्ट्रेशन के बाद रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने के लिए आवेदन जमा किया जा सकता है। आवेदन को तकनीकी चेक के लिए संबंधित डिस्कोम आगे दिया जाएगा।
डिस्कॉम द्वारा अनुमति मिलने के बाद, आवेदक सिस्टम की स्थापना करवा सकता है। सिस्टम लग जाने के बाद, आवेदक नेट मीटरिंग के लिए आवेदन करेगा
डिस्कॉम के अधिकारी निरीक्षण करेंगे और सारी जरूरत पूरी होने के बाद ही नेट मीटर लगाया जाएगा। नेट मीटर लगाने के बाद डिस्कॉम द्वारा कमीशनिंग प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। आवेदक को सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अपने बैंक का विवरण देना आवश्यक होगा तथा पैनल में शामिल विक्रेता से सोलर रूफटॉप संयंत्र लेना अनिवार्य है।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता बिजली बोर्ड रूम सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
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