उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज यहां आयोजित राज्यस्तरीय समारोह के अवसर पर कहा कि तकनीक ने पत्रकारिता का स्वरूप पूरी तरह से बदल दिया है। इस बदलाव के कारण पत्रकारिता के मूल्यों को बचाए रखने में मीडिया कर्मियों की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में पत्रकारिता के समक्ष कई चुनौतियां उभरकर सामने आई हैं, जिनको दूर करते हुए मीडिया समाज तक सटीक और तथ्यात्मक जानकारी पहुंचाने में मदद कर सकता है।
उप-मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय राष्ट्रीय प्रेस दिवस में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट और कृत्रिम मेधा (एआई) के कारण सटीक जानकारी पहुंचाने में जहां नई चुनौतियां और समस्याएं उत्पन्न हुई हैं वहीं इसके कारण त्वरित जानकारी समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में इंटरनेट ने पत्रकारिता के स्वरूप को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है जिसके दृष्टिगत समाचारों की विश्वसनीयता पर भी समय-समय पर प्रश्न चिन्ह उत्पन्न होते रहे हैं।
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि यह मीडिया कर्मियों का नैतिक दायित्व है कि इंटरनेट, एआई और सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों का प्रयोग करते हुए समाज को विश्वनीय और तथ्यात्मक सूचना पहुंचाए। उन्होंने मीडिया कर्मियों से पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों को और दृढ़ता से अपनाने और सोशल मीडिया के इस दौर में भी समाचारों के सभी पक्षों को समाज तक पहुंचाने और विश्लेषण करने का आह्वान किया।
उन्होंने मीडिया कर्मियों से सरकार के जन-कल्याणकारी कार्यों को लाभार्थियों तक पहुंचाने की अपील की। इस दौरान उन्होंने दिवंगत पत्रकारों गौरव बिष्ट, आनंद बौद्ध और विपिन काला के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने पत्रकारिता के दौरान अपने संस्मरण भी साझा किए।
इससे पूर्व, हि.प्र. विश्विद्यालय शिमला के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. शशि कांत शर्मा ने प्रेस के बदलते स्वरूप पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इंटरनेट और एआई के माध्यम से इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है तथा प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में सूचना के माध्यम उपलब्ध हैं।
कार्यक्रम में आउटलुक के ब्यूरो चीफ अश्वनी शर्मा ने कहा कि आभासी दुनिया के कारण पत्रकारिता की प्रकृति में अमूल-चूल परिवर्तन देखने को मिला है। हम सभी का दायित्व है कि इस युग में भी सटीक सूचना को तकनीक के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएं।
हिमाचल दस्तक समाचार पत्र के संपादक हेमंत कुमार ने तकनीक के इस दौर में सूचना को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और उसके प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रेस के मूल स्वरूप को तकनीक के साथ सामंजस्य से आगे बढ़ाते हुए विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी।
इंडिया टुडे के संपादक मनजीत सहगल ने प्रेस के बदलते स्वरूप पर आंकड़े पेश करते हुए कहा कि इंटनेट के माध्यम से समाचार और जानकारी प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या लगभग 70 फीसदी है लेकिन तथ्यों को जांचने के लिए कोई पुख्ता तंत्र उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मीडिया कर्मियों का दायित्व है कि पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखते हुए लोगों तक सूचना का संप्रेषण किया जाए।
कार्यक्रम में निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार ने अतिथियों का स्वागत और सम्मान किया। उन्होंने सभी वक्ताओं और उपस्थित मीडिया कर्मियों का कार्यक्रम में शामिल होने पर आभार व्यक्त किया और मीडिया कर्मियों को प्रेस दिवस की बधाई दी।
समारोह में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, सचिव सूचना एवं जन संपर्क राकेश कंवर सहित विभिन्न मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे।
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