Personal Loan के जरिए लोगों ने उठाए इतने रुपये कि जानकर रह जाएंगे हैरान, आरबीआइ डाटा से सामने आई अहम जानकारी।

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Personal Loan के जरिए लोगों ने उठाए इतने रुपये कि जानकर रह जाएंगे हैरान, आरबीआइ डाटा से सामने आई अहम जानकारी।रिजर्व बैंक के एक आंकड़े से पता चलता है कि बैंकों द्वारा दिए गए कुल लोन में इंडस्ट्रियल लोन की हिस्सेदारी पिछले एक दशक में धीरे-धीरे घट रही है जबकि पर्सनल लोन में वृद्धि हो रही है।आरबीआइ द्वारा जारी एससीबी क्रेडिट पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 तक कुल दिए गए ऋण में औद्योगिक और पर्सनल लोन की हिस्सेदारी लगभग 27 प्रतिशत थी।

आरबीआइ का कहना है कि हाल के वर्षों में खुदरा क्षेत्र से कर्ज की मांग स्पेसिफिक हो गई है। छोटे आकार के ऋणों का हिस्सा भी लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष में गिरावट के बाद औद्योगिक क्षेत्र के ऋण में 2021-22 में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट सेक्टर को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाने के लिए कहा था।

कितना बढ़ा कर्ज

1 करोड़ रुपये तक के कर्ज की हिस्सेदारी मार्च 2022 में बढ़कर करीब 48 फीसदी हो गई, जो पांच साल पहले करीब 39 फीसदी थी, जबकि 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज का हिस्सा पिछले साल की तुलना में करीब 49 फीसदी से गिरकर करीब 40 फीसदी हो गया है।

7 प्रतिशत से कम ब्याज दर वाले ऋणों की हिस्सेदारी मार्च 2022 में बढ़कर 23.6 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 15.1 प्रतिशत थी।



प्राइवेट बैंक दे रहे हैं ज्यादा लोन

आरबीआइ ने यह भी कहा कि कुल बैंक ऋण में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) की हिस्सेदारी घटती जा रही है।सेड्युलेड बैंकों द्वारा दिए गए कुल ऋण में पीएसबी की हिस्सेदारी मार्च 2022 में घटकर 54.8 प्रतिशत रह गई, थी, जो पांच साल पहले 65.8 प्रतिशत और दस साल पहले 74.2 प्रतिशत थी। दूसरी ओर पिछले दस वर्षों में निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी होकर 36.9 प्रतिशत हो गई।

शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों ने मार्च 2022 में कुल कर्ज में दोहरे अंकों की वार्षिक वृद्धि बनाए रखी, जबकि महानगरीय शाखाओं में होने वाली ऋण वृद्धि पिछले वर्ष के 1.4 प्रतिशत से बढ़कर 9.2 प्रतिशत हो गई। आपको बता दें महानगरों में स्थित बैंकों ने पिछले वर्ष बहुत कम कर्ज बांटा था।

कहां बांटे गए सबसे अधिक कर्ज

महाराष्ट्र के बैंकों ने सबसे अधिक 26.2 प्रतिशत कर्ज बांटे। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में यह आंकड़ा 11.3 प्रतिशत, तमिलनाडु 9.2 प्रतिशत और कर्नाटक 6.8 प्रतिशत रहा।

क्यों बढ़ रहा है पर्सनल लोन

हाल के दिनों में कर्ज लेने वालों की संख्या में काफी बढ़ी है, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में। हाल के वर्षों में लोन वितरण में बढ़ोतरी हुई है। सरकार की भी कोशिश है कि किसानों और गरीब लोगों को अधिक से अधिक लोन मिले। इसमें छोटे व्यापारी भी शामिल हैं। आजकल आसानी से लोन मिल रहा है, इसलिए भी कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ रही है। कृषि लोन के बढ़ते दायरे से किसानों को काफी फायदा मिला है।

http://dhunt.in/CnpEO?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जागरण”

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