ऊना, 21 दिसम्बर। राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देशानुसार डीएलएसस के सेमिनार हॉल में शनिवार को मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों को कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनिता शर्मा, सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओपी शर्मा, ऊना पैनल अधिवक्ता एवं पीएलवी शामिल रहे।
इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनिता शर्मा ने कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति एमएचसीए के तहत अपने किसी भी अधिकार का प्रयोग करने के लिए निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्राप्त करने का हकदार है। उन्होंने कहा कि इस अवसाद से ग्रसित व्यक्ति को सरकार द्वारा संचालित या वित्त पोषित मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से उपचार और देखभाल तक पहुंचने का अधिकार है। ऐसे व्यक्ति को समाज का हिस्सा बने रहने और उससे अलग-थलग न किए जाने का भी अधिकार है। इसके अलावा उन्हें क्रूरता, अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार से सुरक्षा का अधिकार भी प्राप्त है।
अनीता शर्मा ने इस कार्यक्रम के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों के बारे में परिवारों और देखभाल करने वालों को शिक्षित करने के लिए सार्वजनिक जागरूकता फैलाने के लिए कानूनी सहायता वकीलों और पैरालीगलों को निर्देशित किया गया। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों वाले व्यक्तियों से संबंधित मामलों को संवेदनशील रूप से संभालने के लिए भी निर्देशित किया गया।
उन्होंने कानूनी सलाह और सेवाओं तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 15100 का व्यापक रूप से प्रचार करने के लिए कहा तथा कमजोर समूहों के लिए न्याय, समानता सुनिश्चित करने और मानसिक स्वास्थ्य और विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए निर्देशित भी किया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना से डॉ. नवदीप जोशी, अधिवक्ता जिला कोर्ट ऊना सुरेश ऐरी, जिला कल्याण अधिकारी ऊना अनीता शर्मा तथा डीसीपीओ ऊना कमलदीप सिंह भी शामिल रहे।
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