शैक्षणिक भ्रमण पर जाएंगे बाल देखभाल संस्थान के बच्चे – अनुपम कश्यप 

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मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की बैठक का आयोजन, उपायुक्त ने की अध्यक्षता
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहाँ मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने योजना के अंतर्गत विभिन्न मदों के तहत अलग-अलग प्रावधानों एवं प्रगति की विस्तृत जानकारी हासिल की।
उपायुक्त ने कहा कि जिला शिमला में मौजूद बाल देखभाल संसथान के बच्चे शैक्षणिक भ्रमण एवं एक्सपोज़र विजिट पर जायेंगे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत बच्चों को प्रदेश सरकार ने चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है। इसी योजना के तहत छात्रों को 15 दिनों का एक्सपोज़र विजिट एवं शैक्षणिक भ्रमण का प्रावधान भी है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में जिला शिमला के बाल देखभाल संसथान में रह रहे 12वीं कक्षा के छात्रों को जनवरी माह में एक्सपोज़र विजिट करवाया जाएगा। उन्होंने सम्बंधित अधिकारिओं को इस सन्दर्भ में जल्द से जल्द प्राकलन तैयार करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि योजना के अंतर्गत एकल नारी को भी शामिल किया गया है। योजना के तहत एकल नारी वह है जिसका पति पिछले 7 वर्ष या उससे अधिक समय से लापता है। 45 वर्ष से अधिक आयु की महिला ने शादी न की हो। वह महिला जो पति द्वारा त्याग दी गयी हो और अपने माता पिता के साथ रह रही हो या कोई महिला नारी सेवा सदन या शक्ति सदन में रह रही हो। इनमें से एक श्रेणी वाली महिला को एकल नारी का दर्जा दिया गया है। एकल नारी को सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रतिमाह 2500 रुपये देने का प्रावधान है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस संदर्भ में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि क्षेत्र में लोगों को एकल नारी के बारे में जानकारी हासिल हो।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत चिल्ड्रन ऑफ़ द स्टेट बच्चों के लिए 2 लाख रूपये के रूप में विवाह अनुदान देने का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस मद के अंतर्गत आवेदन प्राप्त किये जा रहे हैं तथा नियमानुसार उन्हें अनुदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने सभी अधिकारियों से इस सन्दर्भ में उनके क्षेत्र में होने वाले विवाह में शामिल होने के निर्देश भी दिए।
उपायुक्त ने कहा कि योजना के तहत चिल्ड्रन ऑफ़ द स्टेट बच्चे जिनके पास भूमि नहीं है, उन्हें 3 बिस्वा भूमि का आवंटन करने का भी प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त उन्हें 3 लाख रूपये घर बनाने के लिए अनुदान देने का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में सभी उपमण्डल दण्डाधिकारियों को आवशयक दिशा निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अधीन सभी विभाग से उनके तहत खाली भूमि का ब्यौरा प्रस्तुत करे ताकि भूमिहीन बच्चों को गृह निर्माण में सहायता हो सके।
अनुपम कश्यप ने कहा कि योजना के तहत बच्चों को कोचिंग लेने के लिए प्रतिवर्ष 01 लाख रुपये वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मद के तहत 6 आवेदन प्राप्त हुए हैं जो हिमाचल एवं हिमाचल के बहार अपनी तैयारियों के लिए कोचिंग ले रहे है।
जिलाधीश ने कहा कि प्रदेश सरकार की यह एक महत्वपूर्ण योजना है जिसमे खुद मुख्यमंत्री का विशेष ध्यान केंद्रित है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी विभागीय अधिकारी कार्य करें ताकि चिल्ड्रन ऑफ़ द स्टेट बच्चों को अधिक से अधिक लाभान्वित किया जा सके।
बैठक का सञ्चालन जिला कार्यकर्म अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ममता पॉल ने किया तथा योजना की विस्तृत जानकारी रखी।
बैठक में उपनिदेशक शिक्षा विभाग लेख राज भारद्वाज, जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी राकेश धौटा एवं समिति के सभी सदस्य भी उपस्थित रहे।
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