टीबी रोगियों की सेवा में संत निरंकारी मिशन बना मिसाल

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जिले में की 100 निक्षय पोषण किटें भेंट, डीसी हेमराज बैरवा ने की सराहना

धर्मशाला, 6 जनवरी। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत धर्मशाला में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में संत निरंकारी मिशन ने 100 टीबी रोगियों को निक्षय पोषण किटें भेंट कर सेवा की मिसाल पेश की है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में संस्था के प्रतिनिधियों ने पोषण किटें भेंट की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने संस्था द्वारा किए गए इस पुनीत कार्य के लिए उनकी सराहना की। उपायुक्त ने संत निरंकारी मिशन के इस पहल को समाज सेवा का अनुकरणीय उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल से टीबी रोगियों को न केवल पोषण बल्कि मानसिक और सामाजिक सहयोग भी मिलेगा। डीसी ने स्वयं टीबी रोगियों को पोषण किटें वितरित कीं।
उपायुक्त ने कहा कि इस पहल से संत निरंकारी मिशन ने न केवल टीबी मुक्त भारत अभियान को मजबूती दी है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया है। उन्होंने कहा कि निक्षय मित्रों के द्वारा की जा रही यह पहल न केवल टीबी मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज को भी इस बीमारी के प्रति अपनी सोच बदलने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने समाजसेवी संस्थाओं और व्यक्तियों से निक्षय मित्र के रूप में जुड़ने की अपील की।
कार्यक्रम में जानकारी देते हुए संत निरंकारी मिशन के जोनल प्रभारी डॉ. केसी धीमान ने कहा कि संगठन प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में सक्रिय रूप से योगदान कर रहा है। धर्मशाला में आयोजित इस कार्यक्रम में 50 रोगियों को तीन माह की पोषण किटें वितरित की गईं। अन्य 50 रोगियों को जल्द ही किटें उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मिशन समय-समय पर रोगियों से संपर्क कर उनके स्वास्थ्य बारे जानकारी लेगा और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करेगा।
टीबी केवल मेडिकल नहीं सामाजिक समस्या भी: डॉ. सूद
कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी और क्षय रोग जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने कहा कि टीबी केवल एक मेडिकल समस्या नहीं बल्कि सामाजिक समस्या भी है। उन्होंने इस बीमारी से जुड़ी भ्रांतियों और भेदभाव पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इन कारणों से कई मरीज असामयिक मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीबी का इलाज शुरू होने के बाद मरीज संक्रामक नहीं रहता और उसे अलग रहने की जरूरत नहीं होती।
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन से एलडीएम तिलक राज डोगरा, जोनल प्रभारी डॉ. केसी धीमान और दाड़ी ब्रांच संयोजक रूपा गुरंग विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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