मंडी, 21 दिसम्बर । अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि जिला मंडी में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 44 पीडि़तों को करीब 23.66 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की गयी है। वे बुधवार को जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन, दिव्यांगता, स्थानीय स्तर समिति और 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने बताया कि जिले में तहसील स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जागरूकता शिविरों के आयोजनों के साथ जन जागरूकता पर जोर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के पुनर्वास व सशक्तिकरण से संबंधित मामलों पर सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से दिव्यांगजनों को सार्वभौमिक सुगम्यता और बाधारहित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दूसरे चरण में सरकार द्वारा चयनित 14 शहरों में मंडी व सुन्दरनगर को भी रखा गया है और इन दोनों शहरों में कार्यालय भवनों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 137 सरकारी कार्यालय भवनों को लाया गया है और इसे लेकर सभी विभागों को प्रगति व अनुपालना रिपोर्ट देने को कहा गया है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि मंडी जिले में दिव्यांगजनों ने यूडीआईडी (यूनीक दिव्यांगता पहचान पत्र) बनाए जा रहे हैं। 21831 दिव्यांगजनों जिनके पास मैनुअली बने दिव्यांगता प्रमाण पत्र हैं, में से 13908 को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं जबकि 5889 आवेदन यूडीआईडी पोर्टल पर लम्बित है ।
जतिन लाल ने कहा कि एकीकृत बाल विकास सेवाओं की समुचित व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि मंडी जिले में 25 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में 28 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें अल्पसंख्यक समुदाय के 6 साल से कम आयु के 189 बच्चे पंजीकृत हैं और इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा 57 गर्भवती धातृ माताओं को भी लाभान्वित किया जा रहा है।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी आर.सी बंसल सहित संबंधित विभागों के के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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