घर-घर जाएगी पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, टीबी रोगियों की होगी जांचः डीसी ऊना

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क्षय रोग उन्मूलन के लिए डीसी ने की उद्योगपतियों के साथ बैठक
ऊना 25 अगस्त: भारत से क्षय रोग को 2025 तक पूर्ण रुप से समाप्त करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे क्षय रोगी खोजी अभियान के तहत आज यहां डीआरडीए सभागार ऊना में ज़िला के उद्योगपतियों के साथ बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता ज़िला क्षयरोग उन्मूलन समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने की। बैठक में इस अभियान के तहत ज़िला के औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों व उद्योगपतियों से क्षय रोगियों की जांच में तेजी लाने व रोगियों के पोषण हेतु सहयोग पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने कहा कि सामान्य जांच के दौरान ज़िला ऊना में वर्ष 2021 में 685 टीबी रोगियों की पहचान की गई, जबकि इस साल अब तक 460 रोगियों की पहचान कर पंजीकृत कर लिया गया है। इन सभी मरीजों का अनिश्चय पोर्टल पर पंजीकरण कर इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में टीबी जांच के दायरे को भी बढ़ाया गया है, जिससे कि टीबी पॉज़िटिव रोगी के परिवार व अन्य रूप से संपर्क में रहने वाली व्यक्तियों को सावधान रहने की सलाह दी है। वर्तमान में ज़िला में 2000 परीक्षण प्रति लाख जनसंख्या की दर से किये जा रहे हैं, जिसे 4000 से अधिक तक पहुंचाना जरूरी है।
उपायुक्त ने बताया कि टीबी रोग ग्रस्त व्यक्ति 15 रोगियों को प्रभावित कर सकता है, तथा यह अत्यन्त चिन्ता का विषय है कि 21वीं शताब्दी में भी भारत ऐसे रोगों के संक्रमण से मुक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों की पहचान करने व उनके उपचार के लिए सरकार के साथ-साथ अन्य संस्थानों का सहयोग भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए हाइज़ीन किट को रैड क्रॉस समिति की ओर से उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से सीवी नॉट मशीन उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया, ताकि जांच गति को बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर 4 हाईजीन किटें भी लाभार्थियों को प्रदान की गईं।
राघव शर्मा ने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि इस राष्ट्रसेवा के कार्य के लिए स्वच्छा से सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मोबाइल वैन व पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, जोकि लगभग 35 लाख रूपये की है, के माध्यम से ज़िला में घर-द्वार पर ही टैस्ट करके जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकती है।
डीसी ने ज़िला के सभी चिकित्सा संस्थानों को निर्देश दिए कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्बन्धित दवा लेने आए अथवा किसी का इलाज चल रहा हो, तो वे उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत अवश्य करवाएं। ताकि उन्हें बेहतर दवाएं मिलें तथा उनका सही ढंग से उपचार किया जा सके।
उद्योगपतियों ने दिलाया क्षय रोग के परिवार के पोषण का भरोसा
इस मौके पर उद्योगपतियों ने भरोसा दिलाया कि इंडस्ट्री में क्षय रोग के मरीज पाये जाने पर उनके शुरूआती 15 दिनों के अवकाश के दौरान वेतन नहीं काटा जाएगा। इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र में किसी क्षय रोगी की मृत्य होने पर परिवार के सदस्य को नौकरी देने तथा परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
यह लक्षण दिखें तो जरूर करा लें जांच
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अजय अत्री ने बताया कि अगर छह प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो कतई नजरंदाज न करें। इनमें दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना, खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना, वजन का घटना, बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना, रात में बेवजह पसीना आना, भूख कम लगने जैसी समस्या हो, तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर सीएमओ डॉ. मंजू बहल, संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमन शर्मा, डब्ल्यू एचओ कंस्टेंट डॉ. शैल्जा कंवर व डॉ. रविन्द्र कुमार, ज़िला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अजय कुमार अत्री, इंडस्ट्री संघ के प्रतिनिधि व उद्योगपति उपस्थित रहे।
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