Adani Group Sahres: अडानी ग्रुप के शेयर में अभी पैसा लगाना चाहिए या नहीं? Basant Maheshwari से जानिए ।बॉन्ड मार्केट किस तरह इक्विटी शेयर होल्डर्स की किस्मत तय करता है. यदि हम कॉरपोरेट लॉ की बात करें तो यदि किसी कंपनी को कोई प्रॉब्लम आती है या रिकवरी प्रोसिडिंग होती है तो पेमेंट हेरारकी होती है यानी सबसे पहले किसे पैसा मिलेगा?
ऐसे में सबसे पहले गवर्नमेंट कंपनी ड्यूज, इसके बाद सैलरी और बाकी चीजें मिलती हैं. लेकिन इसमें मतलब की यही चीज है कि बॉन्ड होल्डर को क्या मिलता है और शेयर होल्डर को क्या मिलता है? बॉन्ड होल्डर को पैसा शेयर होल्डर से पहले मिलता है. यह भी बता दें कि बॉन्ड होल्डर के पैसे पूरे होने के बाद ही शेयर होल्डर को पैसा मिलता है.
यूरोप में लिस्टेड हैं अडानी ग्रीन व अडानी पोर्ट के बॉन्ड
बॉन्ड होल्डर का पैसा पूरा होने के बाद ही शेयर होल्डर का नंबर आता है. अडानी ग्रीन और अडानी पोर्ट के दो बॉन्ड यूरोप में लिस्टेड हैं. ऐसे में अडानी पोर्ट तो सर्वाइव कर जाएगा लेकिन अडानी ग्रीन के सर्वाइव करने की उम्मीद बहुत कम है. ऐसे में किसी तरह का प्रीडिक्शन नहीं है. पहले अडानी पोर्ट की बात करें तो इसकी 2024 की मैच्योरिटी है, यह 8 प्रतिशत के करीब नीचे गिर चुका है और इसका यील्ड 6-7 फीसदी का है. लेकिन इसमें ज्यादा हलचल नहीं है.
अडानी ग्रीन में 22 से 23 फीसदी का यील्ड
अडानी ग्रीन का बॉन्ड गुरुवार के हिसाब से 79 डॉलर के करीब है और उसमें 22 से 23 फीसदी का यील्ड है. यह 17 फीसदी ऊपर से नीचे गिरा है. करीब चार फीसदी का कूपन था. अडानी ग्रीन के फिनांसिस देखने पर भी स्थिति अच्छी दिखाई नहीं दे रही. ऐसे में यदि आप पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो इतनी हलचल और इतनी हड़बड़ में अभी नहीं लगता कि अडानी ग्रुप के किसी स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए.
बसंत माहेश्वरी के बारे में
यदि आप भी शेयर बाजार में किसी भी तरह का निवेश करते हैं या इस बारे में अपडेट रहना चाहते हैं तो आपको बसंत माहेश्वरी के टिप्स जरूर सुनने चाहिए. बसंत माहेश्वरी Basant Maheshwari Wealth Advisers LLP के को-फाउंडर हैं और उन्हें शेयर बाजार का लंबा अनुभव है.
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ मार्केट की परफॉर्मेंस से जुड़ी जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है. शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
By Zee News
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