सबको चौंकाएगा सुक्खू का पहला बजट, वाटर सेस लगाने, माइनिंग शुल्क बढ़ाने पर फैसला पहले संभव।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पहला बजट चौंकाने वाला हो सकता है।
मंगलवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने नई सरकार के बजट भाषण पर पहली बैठक विभागों के साथ की। इसमें अधिकांश विभागों के सचिव और कुछ के विभागाध्यक्ष शामिल थे। अब सभी महकमों को बजट भाषण के लिए सब्जेक्ट आगामी शुक्रवार तक देने की डेडलाइन रखी गई है। विभागों को कहा गया है कि मुख्यमंत्री के फ्लैगशिप कार्यक्रमों और कांग्रेस के प्रतिज्ञापत्र को देखकर सरकार के सामने नए आइडिया के साथ आएं। दरअसल यह बजट इसलिए चौंकाएगा, क्योंकि हिमाचल में इससे पहले लोगों को टैक्स फ्री बजट की एक आदत जैसी पड़ गई है। मुख्यमंत्री पहले ही कड़े फैसले लेने को लेकर अलर्ट कर चुके हैं और राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए संसाधन जुटाने पर भी बजट का फोकस होगा। हालांकि उच्च पदस्थ सूत्र कहते हैं कि बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने और माइनिंग शुल्क बढ़ाने के फैसले बजट से पहले ही हो जाएंगे। इसके बावजूद वैल्यू एडेड टैक्स यानी वैट, एक्साइज आदि के अलावा सरकारी पैसे से चल रही सबसिडी स्कीमों पर सरकार को बजट में फैसला लेना है। बजट से पहले मुख्यमंत्री इस वित्त वर्ष में भी कुछ अनावश्यक खर्चों को रोकना चाहते हैं और कुछ पहले से घोषित खर्चे भी रोक दिए गए हैं। इनमें विधायक क्षेत्र विकास निधि और ऐच्छिक निधि भी शामिल है।
पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति जैसे बड़े विभागों में लेटर ऑफ क्रेडिट को भी रोका गया था। जनवरी के दूसरे सप्ताह में सभी विभागों को पत्र जारी कर वित्त विभाग ने अतिरिक्त खर्चा करने पर भी रोक लगा दी थी और इसके लिए पहले से अनुमति लेने को कहा था। इन सब बातों को इस बैठक में बताया गया है। अब तक नई सरकार की कुछ फ्लैगशिप योजनाएं सामने आ गई हैं, जिसमें राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल, हर जिला में हेलिपोर्ट, इलेक्ट्रिक बस से इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा ओल्ड पेंशन की घोषणा भी बजट का एक हिस्सा होगा। किसानों से 80 और 100 रुपए लीटर दूध खरीदने की स्कीम को भी बजट में लांच किया जा सकता है। मुख्यमंत्री कांगड़ा जिला में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट के विस्तार का ऐलान भी कर सकते हैं। कांगड़ा को पहले ही टूरिज्म कैपिटल वह घोषित कर चुके हैं। इससे भी नई बात यह है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए हैं कि उनका बजट भाषण ज्यादा लंबा न किया जाए और सिर्फ मतलब की बात इसमें हो। चालू वित्त वर्ष के लिए जयराम ठाकुर ने अपना पांचवा बजट जब पेश किया था, तो उसके 70 पन्ने थे। इस बार भाषण छोटा होगा। (एचडीएम)
नाबार्ड, वल्र्ड बैंक, एडीबी से बड़ी मदद की उम्मीद
पिछला बजट आकार 51,365 करोड़ रुपए का था। इस बजट में राजस्व घाटा 3903 करोड़ और राजकोषीय घाटा 9602 करोड़ था। इसी बजट भाषण में राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को यह कहना पड़ा था कि घाटे को पूरा करने के लिए एफआरबीएम एक्ट को संशोधित करना पड़ेगा। यह संशोधन अब हो भी गया है, लेकिन इस संशोधन के बाद हिमाचल इस साल मंजूरशुदा लिमिट से दोगुना लोन ले रहा है। इस बजट में विकास कार्यों के लिए 29 फीसदी धनराशि थी। पे-कमीशन और अन्य देनदारियों के बाद यह राशि और कम हो जाएंगी। इसलिए नई सरकार को नाबार्ड, वल्र्ड बैंक और एडीबी जैसी बाहरी एजेंसियों से बड़ी मदद लेनी होगी। इनके साथ मुख्यमंत्री खुद बैठक भी कर चुके हैं।
By Divya Himachal
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