Adani Cement Plant Dispute: अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच बनी बात, कल से खुलेंगे दोनों सीमेंट प्लांट

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अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच बनी बात, कल से खुलेंगे दोनों सीमेंट प्लांट। हिमाचल में सीमेंट विवाद सुलझ गया है. अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच सीमेंट की ढुलाई के दामों को लेकर सहमति बन गई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कल से दोनों सीमेंट प्लांट खुल जाएंगे.

अडानी समूह और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच बनी बात

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पिछले 2 महीने से चला आ रहा सीमेंट प्लांट विवाद सोमवार को सुलझ गया. सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के साथ ट्रक ऑपरेटर्स और अडानी ग्रुप के अधिकारियों की बैठक के बाद इस सीमेंट प्लांट विवाद का हल निकला है. इस बैठक में ट्रक से माल ढुलाई के किराये पर सहमति बन गई है.

67 दिन से बंद हैं दो सीमेंट प्लांट- बैठक में बनी सहमति के मुताबिक मल्टी एक्सेल का भाड़ा 9.30 रुपये प्रति किलोमीटर औऱ सिंगल एक्सेल का भाड़ा 10.30 रुपये प्रति किलोमीटर तय किया गया है. इस किराये पर दोनों पक्ष में सहमति हुई है और दो महीने से चला आ रहा सीमेंट विवाद सुलझ गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि कल से सीमेंट प्लांट काम करना शुरू करेंगे. 67 दिन के बाद ये विवाद सुलझा है.

क्या बोले सीएम सुखविंदर- बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अडानी कंपनी सिंगल एक्सेल ट्रक का 10.30 रुपये और मल्टी एक्सेल का 9.30 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल मालभाड़ा देने पर सहमत हो गई है. सीएम ने कहा कि मंगलवार से हिमाचल में दोनों सीमेंट प्लांट शुरू हो जाएंगे. उन्होंने उन्होंने ट्रक ऑपरेटरों, प्रशासन और अडानी समूह को इस विवाद के खत्म होने पर बधाई दी.

क्या था विवाद- गौरतलब है कि 15 दिसंबर 2022 को हिमाचल में अडानी समूह के दो सीमेंट प्लांट ने उत्पादन बंद कर दिया था. नुकसान का हवाला देते हुए अडानी ने बिलासपुर जिले में स्थित एसीसी सीमेंट और सोलन जिले में स्थित अंबुजा सीमेंट प्लांट में उत्पादन बंद कर दिया था. कंपनी के मुताबिक ट्रकों से सीमेंट ढुलाई का खर्च बहुत अधिक है जिसकी वजह से कंपनी को नुकसान झेलना पड़ रहा है. 15 दिसंबर के बाद से प्रदेश के इन दोनों सीमेंट प्लांट में उत्पादन ठप है, जिसका असर करीब 7 हजार ट्रक ऑपरेटर्स पर पड़ा था.

कई दौर की हुई बैठकें- इस विवाद को सुलझाने के लिए बिलासपुर से लेकर सोलन और शिमला तक बैठकों का लंबा दौर चला. सरकार ने भी मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए ट्रक ऑपरेटर्स और अडानी समूह के साथ बातचीत की, जिला प्रशासन ने भी ट्रक ऑपरेटर्स के साथ कई बैठकें की थी. लेकिन हल नहीं निकला था, माल भाड़े को लेकर दोनों पक्ष अड़े हुए थे.

By ETV Bharat हिंदी

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