H3N2 वायरस के फ्लू संक्रमण को जानें और इन उपायों से बचें

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हाल ही में इनफ़्लुएंजा ‘ए’ वायरस के H3N2 सब-टाइप की वजह से होने वाले फ़्लू के मामले पूरे देश में तेज़ी से सामने आए हैं.

इस वायरस में कोविड-19 जैसे लक्षण देखे गए हैं जो सभी उम्र के लोगों पर असर डालता है.

 

वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि वायु प्रदूषण से यह वायरस और भी तेज़ी से फ़ैल सकता है.

क्या हैं H3N2 के लक्षण

  • बुख़ार
  • कफ़
  • मितली
  • उल्टी
  • गले में दर्द
  • शरीर में दर्द
  • थकान
  • आंतों में सूजन के साथ ख़ूनी दस्त

इसके साथ ही अगर सांस लेने में तकलीफ़ या लगातार बुख़ार, सीने में दर्द, खाने में तकलीफ़, चक्कर और फिट आने जैसी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

H3N2 संक्रमण से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें

इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक़ कमज़ोर इम्युनिटी ख़ासकर बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों में इसके गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं.

  • प्लस ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें
  • अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 95 प्रतिशत से कम है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं
  • अगर ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 90 प्रतिशत से कम है तब इन्टेंशिव केयर की ज़रूरत पड़ सकती है.
  • ख़ुद दवाई लेना ख़तरनाक हो सकता है
  • अगर बच्चों और बूढ़ों को बुख़ार और कफ़ जैसी समस्या होती है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

प्लस ऑक्सीमीटरचूंकि ये संक्रमण वायरस से होता है इसलिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि एंटिबायटिक के इस्तेमाल की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि एंटिबायटिक सिर्फ़ बैक्टीरिया में कारगर होते हैं.

H3N2 के संक्रमण को कैसे रोकें?

आईसीएमआर ने संक्रमण को रोकने के उपाय बताए हैं. इसमें अधिकतर उन उपायों को ही बताया गया है जिन्हें कोरोना महामारी के दौरान लगातार अपनाए जाने की सलाह दी जाती थी.

एच3एन2 वायरस से बचाव के लिए किन चीज़ों को करना चाहिए और किन्हें नहीं करना चाहिए उसे लेकर भी आईसीएमआर ने सलाह दी है.

ये एक सामान्य इन्फ़्लुएंजा वायरस है जो बारिश या सर्दियों के मौसम में होता है. अगर बच्चे, बूढ़े या बीमार रहने वाले लोगों में संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें ज़ल्द से ज़ल्द डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

H3N2 को लेकर क्या हैं डॉक्टरों की राय?

बीबीसी ने चेन्नई के बालाजी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ रावन गोमगन से बातचीत की. उन्होंने बताया कि लोगों को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ज़्यादा साग-सब्जी और पोषक तत्व खाना चाहिए.

वे कहते हैं, “गंभीर लक्षण वाले व्यक्ति को अस्पताल में एडमिट हो जाना चाहिए. सामान्य लक्षण वाले व्यक्ति घर पर रहें और डॉक्टर से सलाह लेते रहें. पैरासिटामोल ले सकते हैं. ज़्यादा से ज़्यादा आराम और गुनगुने पानी से इसमें सहायता मिलेगी.”

डॉ रावन ने बताया कि H3N2 वायरस में म्यूटेशन हो सकता है. इसलिए जो एक बार संक्रमित हो चुके हैं उन्हें दोबारा भी संक्रमित होने की संभावना है.

वे कहते हैं, “माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ज़्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.”

एहतियाती उपाय के तौर डॉ रावन गोमगन साल में एक बार इन्फ़्लुएंजा वैक्सीन लेने की सलाह देते हैं.

वे कहते हैं कि बारिश के मौसम से पहले इन्फ़्लुएंजा के टीका लगवाने से सर्दी, बुख़ार और कफ़ का ख़तरा 70 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

उन्होंने आगे बताया कि कमज़ोर इम्यूनिटी, डायबिटीज़ और हृदय संबंधित रोग वाले व्यक्ति को निश्चित तौर पर इन्फ़्लुएंजा वैक्सीन लेने की ज़रूरत है.

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