हमीरपुर 22 मार्च। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने जिला के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अल्पसंख्यक वर्गों के उत्थान और कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए, ताकि इन वर्र्गों के अधिक से अधिक पात्र लोग योजनाओं का लाभ उठा सकें। बुधवार को यहां हमीर भवन में प्रधानमंत्री के नए 15-सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए इकबाल सिंह लालपुरा ने ये निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग की धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के माध्यम से भी सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा सकता है। समाज में आपसी सौहार्द कायम रखने तथा अल्पसंख्यकों को मुख्य धारा में शामिल करने में ये संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। इसके लिए जिला और उपमंडल स्तर पर समितियां बनाई जानी चाहिए और इनकी नियमित रूप से बैठकें होनी चाहिए। अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों में डर की भावना न हो और उन्हें यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र सबसे मजबूत और सफल है। आजादी के बाद यहां अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों की संख्या में बढ़ोतरी इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।
15-सूत्रीय कार्यक्रम की चर्चा करते हुए इकबाल ङ्क्षसह लालपुरा ने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का उद्देश्य अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के लिए शिक्षा, रोजगार, आवास और अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाना है। सभी संबंधित अधिकारी इन सभी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में उन्हें कोई दिक्कत आ रही है या फिर उनका कोई सुझाव है तो अल्पसंख्यक आयोग के साथ अवश्य साझा करें। अधिकारियों के इन सुझावों और फीडबैक को आयोग केंद्र सरकार तक पहुंचाएगा।
इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि सरकारी अधिकारी-कर्मचारी जमीनी स्तर पर कार्य करते हैं और इनकी एक पहल किसी आम व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकती है। उन्होंने बताया कि कई क्षेत्रों में कुछ अल्पसंख्यक वर्गों को कब्रिस्तान के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं हो पाती है और कई बार अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र प्राप्त करने में भी दिक्कत होती है। अगर जिला में इस तरह का कोई मामला हो तो तुरंत इस समस्या का निवारण होना चाहिए।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दुर्लभ जड़ी-बूटियों के उत्पादन और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा हिमाचल की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास के माध्यम से भी पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नादौन कस्बे का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पर्यटन की संभावनाओं का विस्तार किया जा सकता है।
इस अवसर पर एडीसी जितेंद्र सांजटा ने अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का स्वागत किया तथा जिला में 15-सूत्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी और अध्यक्ष की ओर से दिए गए सभी दिशा-निर्देशों की अक्षरश: अनुपालना सुनिश्चित करने का विश्वास दिलाया। बैठक में एसपी डॉ. आकृति शर्मा, जिला कल्याण अधिकारी सुभाष चंद और अन्य अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
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