धर्मशाला, 10 मई। कांगड़ा जिले के 8 स्वास्थ्य संस्थानों में 15 जून से नशा मुक्ति क्लीनिक सेवाएं शुरू हो जाएंगी। आरम्भ में इन अस्पतालों में ये सेवाएं हर हफ्ते 2 दिन शुक्रवार और शनिवार को दोपहर बाद 2 से 4 बजे तकमिलेंगी। यह जानकारी जिलाधीश डॉ. निपुण जिंदल ने राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एनकॉर्ड) के तहत बनी जिलास्तरीय समन्वय समिति की बैठक के उपरांत दी। धर्मशाला में आज (बुधवार) को आयोजित इस बैठक में जिला नार्काेटिक्स समन्वय समिति की संयोजक पुलिस अधीक्षक कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री भी उपस्थित रहीं।
डॉ. निपुण जिंदल बताया कि पहले चरण में जिले के जिन 8 अस्पतालों में ये सेवाएं आरंभ की जा रही हैं उनमें जोनल अस्पताल धर्मशाला के साथ साथ सिविल अस्पताल ज्वालामुखी, कांगड़ा, शाहपुर, नूरपुर, इंदौरा फतेहपुर और पालमपुर शामिल हैं। इन संस्थानों में नशा मुक्ति के मामलों को डील करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक और स्टाफ मौजूद है। साथ ही वहां नशा मुक्ति से जुड़ी सभी दवाइयां भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। दूसरे चरण में इस सेवा को आगे जिले के अन्य अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
नशा निवारण और पुनर्वास केंद्रों के निरीक्षण के लिए बनाई चेक लिस्ट
जिलाधीश ने बताया कि जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से नशा निवारण और पुनर्वास केंद्रों के निरीक्षण के लिए एक चेक लिस्ट तैयार की है। इसमें उन सभी कार्रवाइयों को शामिल किया गया है, जिन्हें केंद्र के निरीक्षण में चेक किया जाना चाहिए। इस चेक लिस्ट को सभी एसडीएम और लाइन विभागों से साझा किया जाएगा ताकि वे निरीक्षण के दौरान बारीकी से देखे जाने वाली बातों का ध्यान रख सकें।
उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में कांगड़ा जिले में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया था, इस कार्य को पूरा कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज की मॉनीटरिंग के लिए इसे पुलिस केन्द्र से जोड़ा जाएगा। इससे नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों में बेहतर व्यवस्था और निगरानी सुनिश्चित होगी।
स्कूलों में जागरूकता-शिक्षा कार्यक्रमों के लिए ‘संवाद’ कार्यक्रम
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में स्कूलों में जागरूकता व विविध शिक्षा कार्यक्रमों के लिए विस्तृत शेड्यूल बनाया गया है। जल्द ही इस कार्यक्रम का विधिवत तौर शुभारंभ किया जाएगा। ‘संवाद’ ( एस.ए.एम.वी.ए.ए.डी. – सिस्टेमैटिक अडोलसेंट मैनेजमेंट एंड वैल्यू एडीशन डायलॉग) के नाम से चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों की स्कूली बच्चों से जुड़ी शिक्षा व जागरुकता गतिविधियों को कन्वर्जेंस के साथ निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक चलाया जाएगा। इसे लेकर संबंधित अधिकारियों तथा कर्मचारियों के के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
जिलाधीश ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी एसडीएम से संबंधित उपमंडलों में नशा निवारण को लेकर उठाए कदमों और नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के औचक निरीक्षण को लेकर की कार्रवाई की जानकारी ली।
बैठक में पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि ये देखना में आया है कि जिले में अलग अलग इलाकों में कुछ स्थल नशा करने के सम्भावित अड्डे जैसे बन गए हैं। पुराने भवन, सुनसान स्थल इनमें प्रमुख हैं। उन्होंने सभी एसडीएम तथा अन्य विभागों से ऐसी जगहों की मैपिंग करके डाटा पुलिस से साझा करने का आग्रह किया, ताकि पुलिस की टीमें वहां विशेष निगरानी कर सकें।
बैठक में गुंजन ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक संदीप परमार और समन्वयक विजय शर्मा ने भी नशा निवारण गतिविधियों और जागरूकता अभियान को लेकर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण देने में संस्था की सहभागिता की बात कही तथा अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
इस अवसर पर एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा जहां बैठक कक्ष में उपस्थित रहे, वहीं अन्य सभी एसडीएम वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल हुए। इसके अलावा बैठक कक्ष में सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. विक्रम कटोच, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गुंजन ऑर्गेनाइजेशन के निदेशक संदीप परमार, समन्वयक विजय शर्मा, पंकज पंडित अन्य गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा हितधारक उपस्थित रहे।
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