हिमाचल में भौतिक स्टाम्प पेपरों की छपाई पर लगी रोक

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हिमाचल में भौतिक स्टाम्प पेपरों की छपाई पर लगी रोक। हिमाचल प्रदेश में सरकार ने भौतिक स्टाम्प पेपरों की छपाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने तथा ई-मोड के माध्यम से ही स्टाम्प ड्यूटी एकत्रित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में अगले वित्त वर्ष से पूर्णत: ई-स्टाम्प प्रणाली से स्टाम्प पेपर की बिक्री सुनिश्चित की जाएगी। अधिकृत स्टाम्प विक्रेताओं को एक वर्ष में भौतिक स्टाम्प पेपर से ई-स्टाम्प प्रणाली अपनाने का समय दिया है। यानी एक वर्ष की इस अवधि के दौरान फिलहाल दोनों प्रणालियां चलन में रहेंगी। पहले से छपे स्टाम्प पेपर का उपयोग करने के लिए विक्रेताओं को 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 तक एक वर्ष का समय दिया गया है। इसके उपरांत पूर्ण रूप से केवल ई-स्टाम्प का ही इस्तेमाल किया जाएगा। पूर्ण रूप से ई-स्टाम्पिंग प्रणाली को अपनाने से राजस्व में प्रति वर्ष करीब 50 करोड़ रुपए की बचत होगी क्योंकि भौतिक स्टाम्प पेपरों की छपाई पर प्रतिवर्ष करीब 50 करोड़ रुपए खर्च होते थे।

विक्रय की अधिकतम सीमा 20000 से बढ़ाकर की जाएगी 2 लाख
वर्तमान में स्टाम्प विक्रेताओं के लिए स्टाम्प पेपर विक्रय की अधिकतम सीमा 20,000 रुपए प्रति दिन है और ई-स्टाम्प प्रणाली अपनाने से यह सीमा बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रतिदिन हो जाएगी, जिससे स्टाम्प वैंडर भी लाभान्वित होंगे। इसके अलावा उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए सैंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजैंसी स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) के पोर्टल पर ई-स्टाम्प तैयार किए जा सकेंगे। स्टाम्प विक्रेता को न्यूनतम कमीशन अदा कर इस पोर्टल के माध्यम से ई-स्टाम्प तैयार करने के लिए अधिकृत किया जाएगा।

By पंजाब केसरी

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