सेब कार्टन बाक्स पर जीएसटी कम करनेे पर पुनः विचार करेगी परिषद: उद्योग मंत्री

Read Time:2 Minute, 49 Second

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आज नई दिल्ली में आयोजित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की बैठक में भाग लिया और सेब कार्टन बॉक्स पर जीएसटी कम करने का मामला प्रमुखता से उठाया।
उद्योग मंत्री ने सेब कार्टन बाक्स पर जीएसटी कम न करने संबंधी निर्धारण समिति की संस्तुति से असहमति व्यक्त की। उनके आग्रह पर परिषद अध्यक्ष ने समिति को इस मामले पर पुनः विचार करने तथा परिषद की अगली बैठक में इसे प्रस्तुत करने को कहा। उद्योग मंत्री ने इस बात पर विशेष बल दिया कि सेब सहित बागवानी से संबंधित पैकिंग बाक्स पर न्यूनतम दरों का प्रबन्धन संभव है। इस बारे में उन्होंने एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण भी दिया।
उद्योग मंत्री ने कहा कि परिषद ने इस बात पर भी सहमति जताई कि एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए किसी ग्राहक द्वारा काउंटर पर 50 हजार रुपये से अधिक की खरीद करने पर संबंधित कर भी नियत प्रदेश को ही मिलना चाहिए। परिषद के इस निर्णय से हिमाचल प्रदेश के जीएसटी राजस्व में बढ़ौत्तरी होगी क्योंकि पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और चण्डीगढ़ में खरीद पर जीएसटी अभी प्रदेश को प्राप्त नहीं हो पा रहा था।
इसके अतिरिक्त उन्होंने पड़ोसी राज्यों से वाहनों की खरीद का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों द्वारा पड़ोसी राज्यों में वाहन और अन्य सामान की खरीद पर प्रदेश को राजस्व की हानि हो रही है क्योंकि इस तरह की खरीद हिमाचल प्रदेश के आपूर्ति स्थल होने के बावजूद अंतरराज्यीय खरीद के रूप में मान्य नहीं है।
हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश के आग्रह पर इन मुद्दों पर त्वरित संज्ञान लेने के लिए परिषद की अध्यक्ष एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त युनूस और सहायक आयुक्त राकेश शर्मा ने भी बैठक में भाग लिया।
.0.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post जिला में 128 सड़क मार्ग यातायात के लिए बहाल– उपायुक्त अपूर्व देवगन
Next post लोक निर्माण मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों को बहाल करने के एनएचएआई को दिए निर्देश
error: Content is protected !!