जल जनित रोगों से रहे सावधान, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर करवाएं उपचार

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शिमला 12 जुलाई – बरसात के मौसम के चलते पीने के पानी के स्रोतों के संक्रमित होने की वजह से जल जनित रोग जैसे दस्त, उल्टी, आंत्रशोथ, हेपेटाइटिस पीलिया और टाइफाइड इत्यादि बीमारियों का अंदेशा बढ़ जाता है। 

यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला डॉक्टर सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि इन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें व पानी को उबालकर ही पिए तथा गले सड़े व अधिक समय तक काट कर रखे हुए फल सलाद सब्जियां व बासी भोजन का प्रयोग न करें, खुले खाद्य व पेय पदार्थों के सेवन से बचें।  इस मौसम में आमतौर पर तेज बुखार से पीड़ित रोगियों की संख्या मे भी बढ़ावा देखा गया है, जिसकी वजह जिला शिमला में मुख्य तौर पर ज्यादातर स्क्रब टाइफस है। उन्होंने बताया कि समय पर जांच व उपचार करवाने पर यह पूरी तरह उपचाराधीन है और समय पर उपचार न होने से मृत्यु भी हो सकती है। इससे बचने के लिए यह आवश्यक है कि तेज बुखार आने पर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जा कर जाँच तथा उपचार करवाए। साथ ही घर के आसपास खरपतवार न उगने दें और खेतों व बगीचे में काम करते वक्त पूरा शरीर ढक कर रखें व्यक्तिगत स्वच्छता व वातावरण की सफाई का विशेष ध्यान रखें। 

जिला शिमला के नदी किनारे वाले इलाके जैसे सुन्नी व रामपुर में बरसात के मौसम में डेंगू मलेरिया व लीश्मेनियेसिस की संभावना बढ़ सकती है इसलिए घरों के आसपास पानी खड़ा न होने दें, यदि फिर भी किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होती है तो झाड़-फूंक में समय गवाएं बगैर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर तुरंत अपना उपचार करवाए।

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