मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के माध्यम से वंचितों और निराश्रितों (बेसहारा) का सहारा बनेगी सरकार-एसडीएम

Read Time:5 Minute, 48 Second

सुजानपुर 28 अगस्त। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना प्रदेश में वंचित और निराश्रित (बेसहारा) लोगों का सहारा बनेगी और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़कर प्रगति के पथ पर अग्रसर होने का उचित, सम्मानजनक और न्यायसंगत अवसर प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना कल्याणकारी राज्य (वेलफेयर स्टेट) की उस धारणा को मूर्त रूप प्रदान करेगी जिसमें राज्य (सरकार) से समाज के संवेदनशील, असुरक्षित एवं वंचित वर्गों यथा बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के मामले में अभिभावक की भूमिका का निर्वहन करने की अपेक्षा की जाती है। उक्त विचार एसडीएम सुजानपुर राकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित उपमंडल स्तरीय समिति की प्रगति एवं समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कुल जनसंख्या में 18 वर्ष तक के बच्चों की 32%, महिलाओं की 49.28% और बुजुर्गों की 10.24% भागीदारी है। इस वर्ग का एक बहुत बड़ा भाग अनाथ बच्चों, विशेष रूप से सक्षम (अपंग) बच्चों, बेसहारा और परित्यक्ता महिलाओं और निराश्रित बुजुर्गों के रूप में प्रगति की दौड़ में हाशिए पर चला गया हैं और उपेक्षा पूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए विवश है। इस वर्ग के लोगों को पारिवारिक एवं संस्थागत देखभाल (इंस्टीट्यूशनल केयर) के माध्यम से उनकी शारीरिक, आर्थिक, सामाजिक, भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना और उनमें सुरक्षा की भावना जागृत करना राज्य अर्थात सरकार का दायित्व है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना ऐसे ही बेसहारा लोगों को सर्वोत्तम भौतिक सुख-साधन एवं सुविधाएं, उच्च एवं व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास के अवसर उपलब्ध कराते हुए उन्हें गौरवमय (सम्मानजनक) और न्याय संगत जीवन निर्वाह की सुविधा प्रदान करेगी। योजना राज्य के संसाधनों से अनाथ बच्चों के लिए न केवल आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान), पीजीआई और और एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं अपितु विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के भी द्वार खोलने की व्यवस्था करेगी। उनके लिए स्टार्टअप जैसी व्यवस्था के लिए वित्त पोषण (फाइनेंशियल अस्सिटेंस) की सुविधा के साथ-साथ विवाह अनुदान के रूप में 2 लाख और गृह निर्माण हेतु 3 बिस्वा भूमि के अतिरिक्त गृह अनुदान राशि के रूप में तीन लाख रुपए की सहायता राशि की भी व्यवस्था रहेगी।

अनाथ एवं विकलांग बच्चों, परित्यक्ता महिलाओं और  बेसहारा बुजुर्गों को उच्च स्तरीय निवास व्यवस्था जिसमें वर्तमान में उपलब्ध बाल- बालिका आश्रमों, स्वधार गृहों, नारी सेवा सदनों, वृद्ध आश्रमों के सुदृढ़ीकरण की व्यवस्था के प्रावधान के साथ-साथ उनके बहुआयामी विकास हेतु खेल एवं मनोरंजन  के पूरे संसाधन जुटाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसर की भी स्थापना होगी जिसमें एकीकृत परिसर में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए अलग-अलग खंड बनाए जाएंगे जो सभी आधुनिक सुविधाओं से संपन्न होंगे। उन्होंने सदन से इस योजना का व्यापक प्रचार एवं प्रसार करने का अनुरोध किया ताकि सभी पात्र लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके।इस अवसर पर समिति के सचिव एवं सीडीपीओ सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने जानकारी दी कि परियोजना क्षेत्र में 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के कुल 12 बच्चे अनाथ हैं जो पारिवारिक माहौल में फोस्टर केयर (पालन पोषण संबंधी देखभाल) में रह रहे हैं। इसी प्रकार 18 से 21 वर्ष आयु वर्ग में 3, 21 से 23 वर्ष आयु वर्ग में 4 और 23 से 27 वर्ष में 7 बच्चे हैं जिन्हें लाभ पहुंचाने की अनुशंसा की गई है। बैठक में बीडीओ राजेश्वर भाटिया, खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (बी ई ई ओ) सुजानपुर देशराज एवं समस्त वृत पर्यवेक्षक सुजानपुर विशेष रूप से उपस्थित रहे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post चकमोह स्कूल के विद्यार्थियों को बताया लैंगिग समानता का महत्व
Next post आईजीएमसी में एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाई जा रही हिमकेयर और आयुष्मान भारत की पूर्ण सुविधा, लोगों को मिल रहा तुरंत लाभ – स्वास्थ्य मंत्री
error: Content is protected !!