मंडी, 25 सितंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 29 सितंबर को मंडी में अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक लेंगे। इसमें वे मंडी जिले में प्राकृतिक आपदा के नुकसान व उसके उपरांत के राहत-पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करेंगे। साथ ही वे पुनर्स्थापन गतिविधियों तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से भविष्य के लिए उठाए कदमों का ब्यौरा भी लेंगे।
यह जानकारी जिलाधीश अरिंदम चौधरी ने दी। वे मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर विभागों की पूर्व तैयारी पर चर्चा के लिए सोमवार को बुलाई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
3 पहलुओं पर केंद्रित हो ‘पीपीटी’
अरिंदम चौधरी ने सभी विभाग प्रमुखों को मुख्यमंत्री की बैठक को लेकर पूरी तैयारी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम की समीक्षा बैठक के लिए सभी विभाग नुकसान और राहत-पुनर्वास कार्यों के पूर्ण डाटा के साथ साथ राहत राशि आवंटन के अद्यतन आंकड़े भी रखें। बैठक के लिए बनाई जाने वाली ‘पीपीटी’ (पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन) को मुख्यतः 3 पहलुओं पर केंद्रित करें। इसमें नुकसान की जानकारी, राहत-पुनर्वास को लेकर किए कार्यों का ब्यौरा तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से आगे की योजना का उल्लेख करें।
जिलाधीश ने प्रत्येक विभाग से इन पहलुओं पर बिंदुवार ब्यौरा भी लिया।
1600 करोड़ का नुकसान
बता दें, बीते दिनों आई प्राकृतिक आपदा में मंडी जिले को करीब 1600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें प्रमुख रूप से लोक निर्माण विभाग को 437.48 करोड़, जल शक्ति विभाग को 445.03 करोड़, विद्युत बोर्ड को 117.94 करोड़, कृषि को 61.41 करोड़, वन विभाग को 24.15 करोड़, बागवानी को 17.27 करोड़, स्वास्थ्य को 7.81, शिक्षा को 29.34 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हिमाचल सरकार ने सभी जिलों को राहत-पुनर्वास तथा पुनर्स्थापन कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया है।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी सहित विभिन्न विभागों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
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