ऊना में बाल कल्याण व संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित

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ऊना, 5 जनवरी – जिला मुख्यालय ऊना में बाल कल्याण व संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त राघव शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बाल कल्याण व संरक्षण के संबंध में समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों व प्रयासों बारे विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में उपायुक्त ऊना ने जानकारी दी कि स्पॉन्सरशिप एवं फोस्टर केयर योजना के तहत 31 दिसंबर 2023 तक जिला ऊना में 193 बच्चों को योजना का लाभ दिया गया है तथा 1 अप्रैल 2023 से 30 सितंबर 2023 तक इस योजना पर 44 लाख 88 हजार रुपए पर खर्च किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऊना जिला में 193 बच्चों को सुख आश्रय योजना के तहत 45 सौ रुपए की सहायता राशि प्रत्येक बच्चे को प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। बैठक में 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने बाले 7 बच्चों के नाम लाभार्थी सूची से काटने को स्वीकृति प्रदान की गई जबकि 3 नए अनाथ बच्चों को लाभार्थी सूची में सम्मिलित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
उपायुक्त उन्होंने जानकारी दी कि प्रायोजन पालक देखभाल योजना के अंतर्गत विधवा तलाकशुदा तथा परित्यक्त महिलाओं के बच्चों, विस्तृत परिवारों में रह रहे अनाथ बच्चों, गंभीर व लाइलाज बीमारी से ग्रस्त माता-पिता के बच्चों, वित्तीय तथा शारीरिक रूप से अक्षम माता-पिता के बच्चों, पीएम केयर योजना के लाभार्थी बच्चों, के अलावा प्राकृतिक आपदा के प्रभावितों, बाल मजदूरों, एचआईवी एड्स प्रभावित बच्चों तथा दिव्यांग बच्चों को भी इस योजना का लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ पाने के लिए व्यक्ति को जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा।
उपायुक्त ऊना ने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना-2023 के तहत जिला ऊना में 227 अनाथ बच्चे चिन्हित किए गए हैं जिनमें से 58 आवेदन वित्तीय सहायता के लिए प्राप्त हुए हैं इन में से 13 मामले स्वीकृत किए जा चुके हैं तथा इस पर 7 लाख 78 हजार 784 रुपए खर्च किए गए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के संबंधित सामाजिक सुरक्षा के आठ मामले भी स्वीकृत हुए हैं जिन्हें 1 लाख 20 हजार रुपए जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत ऐसे अनाथ बच्चे जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है तथा भूमिहीन है उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा न केवल 3 बिस्वा जमीन घर बनाने के लिए प्रदान की जाएगी बल्कि मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपए की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। इसके अलावा अनाथ बच्चों के शादी योग्य होने पर उन्हें शादी करने के लिए सरकार द्वारा 2 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
बैठक में सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं व कार्यक्रमों बारे विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में जिला बाल संरक्षण समिति द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यों व प्रयासों बारे भी चर्चा की गई।
उपायुक्त ऊना ने जिला बाल कल्याण व संरक्षण समिति के पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी चिन्हित अनाथ बच्चों की आवश्यकताओं के लिए योजना बारे विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र अनाथ बच्चों को लाभांवित किया जा सके। उन्होंने समिति को निर्देश दिए कि वह बाल मजदूरी, बाल भिक्षावृत्ति से संबंधित मामलों का निरंतर निरीक्षण करें तथा इस बारे में त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समिति प्रेमा आश्रम ऊना तथा संप्रेक्षण गृह एवं विशेष गृह समूर कलां में भी बच्चों से संबंधित व्यवस्थाओं की निरंतर जांच करंे।
बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना की सचिव व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनीता शर्मा, परियोजना अधिकारी डीआरडीए शेफाली शर्मा,अध्यक्ष बाल कल्याण समिति मीनाक्षी राना, कमलदीप सिंह जिला बाल संरक्षण अधिकारी, सोहनलाल जलोटा श्रम अधिकारी ऊना, जितेंद्र कुमार तहसील कल्याण अधिकारी ऊना के अतिरिक्त कई अन्य विभागों के अधिकारी भी कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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