‘चांद कुल्लवी‘ के जन्मदिवस पर अकादमी ने मनाया राज्य स्तरीय साहित्यिक कार्यक्रम

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हिमाचल कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी द्वारा 3 अप्रैल, 2024 को गेयटी थिएटर,शिमला में लाल चंद प्रार्थी के जन्मदिवस पर राज्य स्तरीय साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन करवाया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में श्री राकेश कंवर, सचिव भाषा-संस्कृति, हि.प्र. सरकार उपस्थित रहे। इन्होंने प्रार्थी जी को पुष्पांजलि अर्पित कर और दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अकादमी द्वारा प्रकाशित प्रार्थी जी का उर्दू गज़लों का संग्रह ‘बुजुदो अदम‘ पुस्तक के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया। श्री कंवर ने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तक में वज़नदार शे‘र हैं जिनमें से उन्होंने चुनिंदा शे‘र पढ़कर भी सुनाये। श्री कंवर ने कुल्लू की देव संस्कृति पर  भी सभी को अभिभूत करने वाला वक्तव्य दिया। समारोह में प्रार्थी जी के सुपुत्र श्री योगेश प्रार्थी, पुत्र वधू श्रीमती सुषमा प्रार्थी विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।
संयुक्त निदेशक,भाषा एवं संस्कृति विभाग श्री मनजीत शर्मा ने इस अवसर पर सभी उपस्थित साहित्यकारों का स्वागत किया।
‘बुजूदो अदम‘ पुस्तक का सम्पादन तथा हिन्दी लिप्यंतरण प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं उर्दू विशेषज्ञ श्री जाहिद अबरोल द्वारा किया गया है।
समारोह में दो सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र मेंआयोजित लेखक संगोष्ठी में प्रदेश के जाने-माने साहित्यकार डाॅ. सूरत ठाकुर ने ‘लालचन्द प्रार्थी की लोकगायन और नृत्य शैली का वर्तमान स्वरूप‘ विषय पर सभी पहलुओं को समेटते हुए बहुत ही सार गर्भित शोध पत्र प्रस्तुत किया,जिसके उपरान्त प्रदेश के विद्वान  साहित्यकारों सर्व श्री प्रभात शर्मा, डाॅ. प्रेमलाल गौतम, अश्विनी कुमार गर्ग, रमेश चन्द्र मस्ताना, डाॅ. हेमराज कौशिक, डाॅ. अमर देव आंगिरस, डाॅ. ओमप्रकाश शर्मा, गंगाराम जी, डाॅ. कमल के. ‘प्यासा‘, प्रकाश चन्द धीमान, डाॅ. शंकर लाल वासिष्ठ तथा कृष्ण चन्द्र महादेवियाने विषय पत्र पर चर्चा की और अपने दिलों में संजोई प्रार्थी जी की मधुर स्मृतियों को भी सभी के साथ साझा किया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता देश के प्रख्यात साहित्यकार श्री सुदर्शन वशिष्ठ ने की और मंच संचालन श्री मदन हिमाचली ने किया।
समारोह के द्वितीय सत्र में आयोजित बहुभाषी कवि सम्मेलन में सर्व श्री डाॅ. अनीता शर्मा, द्विजेन्द्र द्विज, डाॅ. ओमप्रकाश ‘राही‘, हरिराम धीमान, डाॅ. अशोक गौतम, शिव प्रकाश ‘पथिक‘, कुलदीप शर्मा, संदेश शर्मा, अनंत आलोक, सचपाल, वीरेन्द्र वीर शर्मा, अशोक कालिया,  डाॅ. मस्तराम शर्मा, डाॅ. महेश शर्मा, रत्नचन्द निर्झर, देवेन्द्रगौड़, जयपालनेगी, दीपराज विश्वास, चन्द्र चीलानेगी, प्रताप पराशर, दीपक शर्मा, प्रोमिला भारद्वाज, भूप सिंह रंजन, ओम भारद्वाज,उमा ठाकुर, कौशल्या ठाकुर, वंदना राणा, ओम प्रकाश, श्यामलाल शर्मा, मनोहर लाल, रूपेश्वरी शर्मा, हरिप्रिया आदि कवियों ने नर्तक, संगीतज्ञ, गायक, लेखक, कवि, कलाकार, गरीबों के मसीहा आदि नामों से विभूषित ‘चांदकुल्लवी‘ को अपनी पहाड़ी, हिन्दी कविताओं और उर्दू ग़जलों के माध्यम से खूब याद किया।
द्वितीय सत्र में डाॅ. ओम प्रकाश सारस्वत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस सत्र की अध्यक्षता श्री अश्विनी कुमार गर्ग ने की और मंच संचालन श्री त्रिलोक सूर्यवंशी ने किया।
इस अवसर पर अकादमी की ओर से सहायक सचिव डाॅ. श्यामा वर्मा और भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से श्री  सुरेश राणा सहायक निदेशक, सुश्री कुसुम संघाईक, अलका कैंथला, सरोज नरवाल, जिला भाषा अधिकारी अनिल हार्टा उपस्थित रहे।

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