प्रदेश में आगामी मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर आज यहां मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सभी जिलों के उपायुक्त और सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सभी उपायुक्तों ने आगामी सीजन को लेकर जिला स्तर पर की गई तैयारियों की वर्चुअल माध्यम से जानकारी दी। बैठक में निर्णय लिया गया कि शिमला, चंबा, सिरमौर, मंडी और कुल्लू में इस बार एनडीआरएफ की छोटी टुकड़ियां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए उपायुक्तों को स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि नदी किनारे रह रहे प्रवासी मजदूरों को अन्य स्थानों पर बसाया जाए ताकि जानमाल की हानि न हो। उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग को भी पर्याप्त खाद्यान्न सामग्री का भंडारण करने के निर्देश दिए ताकि आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों को अनाज की कमी न हो।
बैठक में बांधों और नदियों में पानी का स्तर मापे जाने की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया। इसके लिए बांध प्राधिकरणों और केंद्रीय जल आयोग को साथ मिलकर समन्वय स्थापित करने और अग्रिम चेतावनी प्रणाली को और सुदृढ़ करने पर बल दिया गया। इसके लिए बांध प्राधिकरणों और केंद्रीय जल आयोग के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बांध प्राधिकरण अपनी मशीनरी और बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी रखें।
मुख्य सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा के दौरान उपयोग की जाने वाली सामग्री जैसे तिरपाल इत्यादि के दाम में बढ़ौतरी न हो।
विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने कहा कि सभी उपमंडलों को सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाने की तैयारी की जा रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड जल्द ही सैटेलाइट फोन उपलब्ध करवाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त गत वर्ष कांगड़ा, मंडी, कुल्लू में धंसे स्थलों का दौरा करें और यदि स्थिति चिंताजनक है तो लोगों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जाए। वहीं मानसून सीजन में पहाड़ों की कटाई करने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने अवगत करवाया कि 84 प्रदेश में इस वर्ष जून से सिंतबर तक मानसून सामान्य रहेगा।
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