ऊना जिले में सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 15 जून से

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ऊना, 13 जून। ऊना जिले में 15 से 30 जून तक सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान जिलेभर में 5 साल एवं उससे कम आयु के 39205 बच्चों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां दी जाएंगी। अतिरिक्त उपायुक्त ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने गुरुवार को यहां डायरिया नियंत्रण को लेकर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक के उपरांत यह जानकारी दी। 
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के दौरान आशा वर्कर 5 साल की आयु तक के बच्चों के घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित करेंगी। साथ ही वे क्षेत्र में किसी भी स्तर पर डायरिया रोग से ग्रस्त बच्चों को उचित निदान के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में ले जाने के लिए प्रेरित करेंगी तथा शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों की पहचान करेंगी। 
उन्होंने कहा कि इस पखवाड़े में स्वास्थ्य विभाग अन्य विभागों के सहयोग से जिले में अभिभावकों को बच्चों की देखभाल से जुड़ी अन्य स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां भी प्रदान करेगा। उन्हें बच्चों के दूध की बोतल को अच्छी तरह उबाल कर इस्तेमाल में लाने, अपने एवं बच्चों के हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोकर ही उन्हें आहार देने को लेकर शिक्षित करने तथा अन्य खान-पान और टीकाकरण संबंधी जानकारी भी दी जाएंगी।
पंचायती राज संस्थाओं की सहभागिता हो सुनिश्चित
अतिरिक्त उपायुक्त ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से इस पखवाड़े की सफलता में अपना सक्रिय सहयोग देने का आग्रह किया ताकि जिला की प्रत्येक पंचायत को डायरिया से सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने बैठक में जिला पंचायत अधिकारी को अभियान में पंचायतों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा तथा बाल विकास विभागों के अधिकारियों को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शतप्रतिशत कवरेज तय बनाने को कहा। 
जल स्त्रोतों की साफ सफाई व क्लोरीनेशन
श्री गुर्जर ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को सभी पेयजल योजनाओं तथा जल स्त्रोतों की साफ सफाई व क्लोरीनेशन जारी रखने के निर्देश दिए, ताकि प्रदूषित जल की सम्भावनाओं को कम करके जल जनित रोगों पर नियंत्रण रखा जा सके। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता, शारीरिक सफाई और हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोने के महत्व बारे जागरूक करने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
इस मौके अतिरिक्त उपायुक्त ने जिले वासियों से जल जनित रोगों से बचाव के लिए दूषित पेयजल के सेवन से बचने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि दूषित पेयजल के सेवन से डायरिया जैसी बीमारियों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। 
स्थापित किए जाएंगे ओआरएस-जिंक कॉर्नर 
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. वर्मा ने कहा कि सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के दौरान जिले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविलि/क्षेत्रीय अस्पताल में ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। इन कॉर्नर पर डायरिया/डी हाईड्रेशन के रोगों का निदान किया जाएगा। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में भी ओआरएस एवं जिंक कॉर्नर बनाए जाएंगे।
बैठक में एमओएच डॉ. सुखदीप सिंह, डायरिया नियंत्रण अभियान की जिला प्रभारी डॉ. रिचा, जिला पंचायत अधिकारी नीलम कटोच, समस्त खण्ड चिकित्सा अधिकारियों सहित जिला स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्य उपस्थित रहे।

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