मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ऊना जिला के पेखूबेला में हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित 32 मेगावाट की पेखूबेला सौर ऊर्जा परियोजना प्रदेश की जनता को समर्पित की। मुख्यमंत्री ने इस सौर परियोजना का शिलान्यास 2 दिसम्बर, 2023 को किया था तथा लगभग चार महीने में ही 15 अप्रैल, 2024 को इस परियोजना से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया। जिसका आज मुख्यमंत्री द्वारा विधिवत उद्घाटन किया गया। पेखूबेला परियोजना का निर्माण 220 करोड़ रुपये की लागत से 49 हेक्टेयर भूमि पर किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना सालाना 6.61 करोड़ यूनिट विद्युत उत्पादन करेगी तथा प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष 2.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से 19.17 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इस परियोजना में 82,656 सोलर मॉड्यूल स्थापित किए गए हैं और परियोजना से उत्पन्न बिजली की निकासी रक्कड़-टाहलीवाल ट्रांसमिशन लाइन से की जा रही है। पेखूबेला सौर परियोजना से प्रतिवर्ष 2,532 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान 19,200 मानव कार्य दिवस सृजित किए गए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर है जिसे पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 500 मैगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निगम ने 47 मेगावाट की तीन सोलर परियोजनाओं के निर्माण कार्य आबंटित किए हैं। इनमें से एक सोलर परियोजना पूरी हो चुकी है और दो अन्य सोलर परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 72 मेगावाट की सात सोलर परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं और 54 मेगावाट की चार सौर ऊर्जा परियोजनाओं की डीपीआर तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि 77 मेगावाट की 10 सौर ऊर्जा परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनकी पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए एफसीए अनुमति प्राप्त की जा रही है जबकि 200 मेगावाट की अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाएं अन्वेष्णाधीन चरण पर हैं। इन परियोजनाओं में 160 मेगावाट की सौर परियोजनाएं ऊना जिले में, 110 मेगावाट की सौर परियोजनाएं सोलन जिले में, 170 मेगावाट की सौर परियोजनाएं कांगड़ा जिले में, 50 मेगावाट की सौर परियोजनाएं मंडी जिले में और 10 मेगावाट की सौर परियोजनाएं बिलासपुर जिले में स्थित हैं।
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