मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत आज यहां 30 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई

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रिकांगपिओ 26 सितम्बर, 2022
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत आज यहां 30 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की बैठक में जिले से विभिन्न उद्यमों को स्थापित करने के लिए 30 आवेदन प्राप्त हुए थे। योजना के तहत प्राप्त सभी 30 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई। इसके तहत 3 करोड़ 97 लाख रुपये का पूंजी निवेश होगा तथा लगभग 56 युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत उद्यम स्थापित करने के लिए पुरूषों को लागत पर 30 प्रतिशत व महिलाओं को लागत पर 35 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।
उन्होंने जिले के युवाओं से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत उद्यम स्थापित करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं तथा युवाओं को हट व कैंम्पिंग साईट स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए।
आज स्वीकृत मामलों में होटल, रैस्तरां ईकाई, लघु माल वाहक, माल वाहक बोलेरो कैम्पर, कैफे, डेली नीडज ईकाई, ऐप्पल ग्रेडिंग पैकिंग, टैन्ट हाउस, हैन्डलूम ईकाई, निमार्ण कार्य व ईको टूरिज्म से सम्बन्धित उद्यम शामिल हैं।
इससे पूर्व जिला परिषद सभागार में जिला उद्योग केंद्र के सौजन्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया। जिसकी अध्यक्षता उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक संजय शर्मा ने की। उन्होनें बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की शुरुआत 2008 में हुई तथा अब तक इसके अंतर्गत 7.50 लाख औद्योगिक कारखाने स्थापित हो चुके है और 61 लाख लोगो को रोजगार प्राप्त हो चुका है। साथ ही इस कार्यक्रम के अंतर्गत 19 हजार करोड़ की सब्सिडी सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी है।
उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता एवं आवश्यक शर्तों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना का लाभ लेने वाले प्रार्थी की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण उत्पादन इकाई लागत अधिकतम 50 लाख रुपए तथा सेवा इकाई के लिए अधिकतम 20 लाख रुपए तक की परियोजनाएं स्थापित की जा सकती है। उत्पादन इकाई जिसमंे परियोजना लागत 10 लाख रुपए से अधिक तथा सेवा इकाई परियोजना लागत 5 लाख रुपए से अधिक हो तो प्रार्थी की शैक्षणिक योग्यता आठवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है तथा वार्षिक आय की कोई सीमा नहीं है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मार्जिन मनी सब्सिडी शहरी क्षेत्र में सामान्य वर्ग के लिए 15 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत है। आरक्षित वर्ग जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, अपंग, भूतपूर्व सैनिक इत्यादि के लिए शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत तथा ग्रामीण क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने हेतु 35 प्रतिशत का प्रावधान है। सामान्य वर्ग को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत लाभार्थी अंशदान तथा आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत देना होगा।
उन्होंने कहा कि इच्छुक पात्र आवेदक को अपना आवेदन ऑनलाइन वेबसाइट www.kviconline.gov.in पर प्रस्तुत करना होगा।
इस अवसर पर यूको बैंक के सहायक महाप्रबंधक जे. पी. नेगी, सहायक निदेश खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग के के सेहगल, प्रमुख जिला प्रबंधक तिलक डोगरा, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र जे. आर. अभिलाषी, खादी ग्रामोद्योग के ए डी ओ. आर डी नेगी, जिला उद्योग केंद्र के विस्तार अधिकारी पदम राज नेगी, समस्त ग्राम पंचायतों के प्रधान, टी एस नेगी राजकीय महाविद्यालय के छात्र छात्राएं तथा आई टी आई के छात्र तथा छात्राएं उपस्थित थे।

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