महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जियो टैग नियमों में बदलाव

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वित्त वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) शुरू की गई थी। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के कार्यान्वयन में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, 1 जनवरी, 2023 से सभी कार्यों (व्यक्तिगत लाभार्थी कार्यों को छोड़कर) के लिए राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) ऐप के माध्यम से श्रमिकों की जियो-टैग की गई, समय-मुद्रित तस्वीरों के साथ दिन में दो बार उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है।

इससे योजना की नागरिक निगरानी बढ़ती है और भुगतान की प्रक्रिया में तेज़ी आती है। एनएमएमएस ऐप के माध्यम से श्रमिकों की जियो-टैग की गई तस्वीरों के साथ उपस्थिति दर्ज कराने का काम कार्यस्थल पर्यवेक्षक के जिम्मे है।

एनएमएमएस ऐप को पहली उपस्थिति और पहली तस्वीर के 4 घंटे बाद दूसरी तस्वीर अपलोड करने में सक्षम बनाने के लिए संशोधित किया गया है। सुबह की उपस्थिति के साथ पहली तस्वीर और दूसरी तस्वीर ऑफ़लाइन मोड में कैप्चर की जा सकती है और एक दिन के भीतर डिवाइस के नेटवर्क क्षेत्रों में आने पर अपलोड की जा सकती है। असाधारण परिस्थितियों के मामले में, जिसके कारण उपस्थिति अपलोड नहीं की जा सकती है, जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) को मैन्युअल उपस्थिति अपलोड करने के लिए अधिकृत किया गया है।

कार्यस्थल पर श्रमिकों की उपस्थिति तब ली जा सकती है जब उपस्थिति कैप्चर करते समय मोबाइल का स्थान उक्त कार्य के लिए जियो मनरेगा के तहत चरण-I में कैप्चर किए गए कार्यस्थल के जियो कोऑर्डिनेट से 10 मीटर की दूरी के भीतर हो।

यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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