राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट की गई आत्महत्याओं पर सांख्यिकीय डेटा संकलित करता है और इसे अपने प्रकाशन ‘भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या (एडीएसआई)’ में प्रकाशित करता है। प्रकाशित रिपोर्टें केवल वर्ष 2022 तक ही उपलब्ध हैं।
भारत सरकार मानसिक विकारों के बोझ को दूर करने के लिए देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) को लागू कर रही है। एनएमएचपी के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) घटक को 767 जिलों में कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी गई है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान की जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर पर डीएमएचपी के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई सुविधाओं में अन्य बातों के साथ-साथ बाह्य रोगी सेवाएं, मूल्यांकन, परामर्श/मनो-सामाजिक हस्तक्षेप (इंटरवेंशन), गंभीर मानसिक विकारों वाले व्यक्तियों को निरंतर देखभाल और सहायता, दवाएं, आउटरीच सेवाएं, एम्बुलेंस सेवाएं आदि शामिल हैं। उपरोक्त सेवाओं के अतिरिक्त, जिला स्तर पर 10 बिस्तरों वाली इन-पेशेंट सुविधा का प्रावधान है।
उपरोक्त के अलावा, सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी कदम उठा रही है। सरकार ने 1.73 लाख से अधिक एसएचसी, पीएचसी, यूपीएचसी और यूएचडब्ल्यूसी को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में उन्नत किया है। इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रदान की जाने वाली व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के तहत सेवाओं के पैकेज में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ा गया है। आयुष्मान भारत के दायरे में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मानसिक, तंत्रिका संबंधी और मादक पदार्थ उपयोग विकारों (एमएनएस) पर परिचालन दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश की पहली राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति भी बनाई है। रणनीति इसकी वेबसाइट www.mohfw.gov.in पर उपलब्ध है।
उपरोक्त के अलावा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए 10 अक्टूबर, 2022 को एक “राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम” शुरू किया है। 23.07.2024 तक, 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 53 टेली मानस प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं और टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की हैं। हेल्पलाइन नंबर पर 11,76,000 से अधिक कॉल मिले हैं। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा विभाग से भी अपने विभाग के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों में एनटीएमएचपी/टेली मानस का व्यापक प्रचार करने तथा तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण समय में हेल्पलाइन का उपयोग करने के लिए विद्यार्थियों के बीच हेल्पलाइन नंबर साझा करने का अनुरोध किया गया है। सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से भी संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष रूप से शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों के बीच एनटीएमएचपी/टेली मानस के व्यापक प्रसार और प्रचार के लिए अनुरोध किया गया है। राष्ट्रीय महत्व के सभी संस्थानों, एम्स और केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों से भी विद्यार्थियों के बीच टेली मानस का प्रचार करने का अनुरोध किया गया है ताकि वे किसी भी समय निःशुल्क और गोपनीय सहायता के लिए हेल्पलाइन का उपयोग कर सकें।
यह जानकारी लोकसभा में गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
Average Rating