मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला शिमला के रामपुर में बादल फटने के कारण प्रभावित हुए समेज क्षेत्र का दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। इस दुःखद् घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और आपदा प्रभावितों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 50 हजार रुपये और किराए पर आवासीय सुविधा के लिए तीन महीने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार भोजन, रसोई गैस, कंबल और चूल्हे जैसी मूलभूत वस्तुएं निःशुल्क प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को आश्वासन दिया कि उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र वित्तीय सहायता की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि इन परिवारों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समेज के विद्यार्थियों से भेंट की, जिनके आठ सहपाठी इस घटना के बाद लापता हैं। आठवीं कक्षा के विद्यार्थी राखी और कार्तिक ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस घटना से वे सदमें में हैं और उनका स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को ढाढस बंधाते हुए उन्हें हौसला रखने और परिवार का सहयोग करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर और बड़ा स्कूल फिर से निर्मित किया जाएगा।
समेज की निवासी बिमला देवी ने बादल फटने की घटना वाली भयावह रात को याद करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि गांव के लोग डर के साए में जी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के दुःख-दर्द को साझा किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। दुःख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और आपदा प्रभावितों को भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आपदा को झेल रहा हर प्रभावित परिवार मेरे परिवार के सदस्य के समान है और प्रभावित परिवारों के लिए शीघ्र ही आपदा राहत की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने जानकारी दी कि समेज में 33 लोग लापता हैं और आपदा में फंसे दस लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बचा लिया गया है। इसके अलावा गांव में 38 घर और दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।
बाद में समेज में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला, मंडी और कुल्लू में बादल फटने और भारी बारिश से मानव जीवन और संपत्ति को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इन जिलों में पांच स्थानों पर बादल फटेे हैं जिससे क्षेत्र में हर तरफ तबाही का खौफनाक मंजर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में यातायात और पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशाला, 10 दुकानें और मछली फॉर्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य कर रही है। अब तक आपदा में फंसे 55 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका हैै। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग को प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को बहाल करने के लिए कहा गया है ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सातवें वित्त आयोग के अध्यक्ष नदंलाल, आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार, उपायुक्त शिमला अनुुपम कश्यप, उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस. रवीश और अन्य अधिकारी इस दौरान उपस्थित थे।
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