श्रमिक-कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए पालना केंद्र का प्लान हो तैयार: डीसी

Read Time:6 Minute, 12 Second
धर्मशाला, 2 सितम्बर। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कामकाजी महिलाओं एवं श्रमिकों के शिशुओं की उचित देखभाल के लिए पालना केंद्र बनाने के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश आईसीडीएस विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं ताकि कामकाजी महिलाओं एवं श्रमिक महिलाओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े और बच्चों की भी सही देखभाल सुनिश्चित हो सके।
उपायुक्त ने जिला मुख्यालय पर महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय का निरीक्षण करने के उपरांत कहा कि जिले के प्रत्येक पात्र बच्चे और महिला तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन हर प्रकार के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। जिला कांगड़ा में महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी योजनाओं और सुविधाओं का दायरा बढ़ाने के लिए विभाग को प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 6 साल से कम आयु के बच्चों के विकास और देखभाल में आंगनबाड़ी केंद्रों की बहुत अहम भूमिका रहती है। उन्होंने जिले में मनरेगा कंवर्जेंस के तहत बनने वाले आंगनबाड़ी केंद्र भवनों की सूची और प्रस्ताव जल्द भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
     उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का समय दोपहर तक होता है, जिसके कारण कामकाजी महिलाएं और कामगारों के बच्चों की देखभाल के लिए उसके बाद कोई नहीं होता। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि कामकाजी महिलाएं और कामगारों के बच्चों के लिए उसके बाद भी कोई पालना केंद्र उपलब्ध हो, इसके लिए योजना बनानी चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि जिले में गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की सूचि बनाई जाए और फील्ड पर्यवेक्षक प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में स्वयं जाकर उसका सत्यापन करें। उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय के नवीकरण का प्रस्ताव और एस्टिमेट भी जल्द बनाने के निर्देश दिए।
कुपोषण और एनीमिया के नियंत्रण के लिए हों गंभीर प्रयास
     हेमराज बैरवा ने कहा कि जिले में कुपोषण और और एनीमिया को पूरी तरह से नियंत्रित करने के लिए विभाग के सभी अधिकारियों को गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) और फील्ड पर्यवेक्षक कुपोषित बच्चों की निगरानी करें। कुपोषित और एनिमिया ग्रस्त बच्चों पर निगरानी रखने के साथ समय-समय पर उनके अभिभावकों को आवश्यक परामर्श देते रहें। उन्होंने कहा कि पूरक पोषाहार कार्यक्रम के तहत जिले में 3 वर्ष के कम आयु के 95.5 प्रतिशत बच्चों, तीन से छः वर्ष के 91.8 प्रतिशत बच्चों और 92.8 प्रतिशत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने इसका दायरा बढ़ाते हुए जिले में लाभार्थियों की संख्या को अधिक करने के निर्देश विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की पहल मिशन भरपूर के कारण जिले में कुपोषित बच्चों में सुधार देखने को मिला है। उन्होंने मिशन भरपूर सहित पोषण अभियान से संबंधित सभी योजनाओं को पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने की बात कही।
वन स्टॉप (सखी) केंद्र के माध्यम से की जा रही महिलाओं की सहायता
डीसी ने कहा कि समाज के बेहतर संचालन के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण बेहद आवश्यक है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए विभागीय अधिकारियों को पूर्ण गंभीरता से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान महिलाओं के लिए संचालित वन-स्टॉप (सखी) केंद्र के कार्य का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि महिला हेल्पलाइन 1090 व 181 के माध्यम से विभाग हर समय महिलाओं को हर प्रकार की सहायता सखी केंद्र में दे रहा है।
डीसी ने बताया कि सखी केंद्र के अन्तर्गत निजी व सार्वजनिक स्थानों में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को चिकित्सकीय, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और पुलिस सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले में सशक्त महिला योजना के तहत पंचायतों में महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनके माध्यम से विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता कैंप का आयोजन किया जाता है।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post सामर्थ्य कार्यक्रम : अब असीमित बच्चियों को मिलेगी आर्थिक सहायता
Next post 15 तक बिजली बिल जमा करवा दें हमीरपुर-2 के उपभोक्ता
error: Content is protected !!