इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे माता-पिता, संरक्षक अथवा स्वयं लड़की यदि उसके माता-पिता जीवित नहीं है या लापता है, को लड़की की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसमें लड़की की आयु 18 वर्ष से अधिक और हिमाचल प्रदेश की स्थाई निवासी होनी चाहिए। इसके साथ ही लड़की बीपीएल परिवार से संबधित होने चाहिए। यदि लड़की का विवाह ऐसे लड़के से होता है जो कि हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी नहीं है, तब भी वह विवाह अनुदान प्राप्त करने हेतु पात्र होती है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के जिला में कई लाभार्थियों को वित्तीय सहायता मददगार साबित हो रही है। इस वित्तीय वर्ष में 190 लाभार्थियों को 58 लाख 90 हजार रूपए वितरित किए जा चुके है, जबकि अन्य कई आवदनों की प्रक्रिया तीव्र गति से चली हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आदेशानुसार चलाई जा रही योजनाओं को आम जनता को पूरा लाभ मिल रहा है।
आवेदन की प्रकिया
जिला कार्यक्रम अधिकारी (आई.सी.डी.एस.) ममता पॉल ने बताया की इसमें लड़की के माता-पिता, अभिभावकों, लडकी द्वारा स्वयं यदि वह बेसहारा है तो संबधित बाल विकास परियोजना अधिकारी, प्रभारी नारी सेवा सदन, अधीक्षक बालिका आश्रम के पास आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आवेदन पत्र का सत्यापन किया जाता है। सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद योजना के तहत लाभ दिया जाता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आवेदन अनुशंसा उपरांत बाल विकास परियोजना अधिकारी को भेजा जाएगा जोकि आवेदक लाभार्थी को अनुदान राशि वितरित करेंगे। प्रस्तावित शादी की तारीख से दो महीने पहले राशि का भुगतान किया जा सकता है। यदि विवाह पहले ही हो चुका है, तो विवाह के छह महीने के भीतर भी आवेदक अनुदान राशि के लिए आवेदन कर सकते है। यदि आवेदक शादी के छः माह के बाद आवेदन करता है तो आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी इस योजना के लिए अलग रिकॉर्ड रखते है। अनुदान राशि संबंधित आवेदक के बैंक खाते में सीधी स्थानांतरित की जाती है।
लड़कियों व महिलाओं के माता-पिता, अभिभावकों या स्वयं लड़की द्वारा, यदि उसके माता-पिता जीवित नही है या लापता है, को अपने आवेदन के साथ अग्रलिखित जानकारी दस्तावेज देने होंगे। आवेदक लड़की का हिमाचली प्रमाण पत्र, बी०पी०एल० प्रमाण पत्र, जन्म तिथि का प्रमाण पत्र संग्लित करना अनिवार्य है। इसके साथ ही विवाह प्रमाण पत्र, उस व्यक्ति का नाम, पता व जन्म तिथि जिससे लड़की की शादी हो रही है। ये प्रमाण पत्र सम्बन्धित पंचायत, नगर पालिका या नगर निगम द्वारा जारी किया गया हो। आवेदक विवाह अनुदान के लिए केवल एक ही योजना के अन्तर्गत पात्र होगा। यदि अनुदान की राशि का उपयोग वितरण की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर माता-पिता, अभिभावक या लड़की द्वारा उस प्रयोजन के लिए नहीं किया जाता है जिसके लिए राशि स्वीकृत हुई थी तो उस राशि को वापिस बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास जमा करवाना अनिवार्य है।
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