मेंटली रहना चाहते हैं हेल्दी तो आज ही किचन से निकाल फेंके ये 3 फूड्स, यंगस्टर्स में डिप्रेशन का कारण हैं ये

Read Time:3 Minute, 54 Second

मेंटली रहना चाहते हैं हेल्दी तो आज ही किचन से निकाल फेंके ये 3 फूड्स, यंगस्टर्स में डिप्रेशन का कारण हैं ये वहीं, कई स्टडीज में यह कहा गया है कि, आप जिन भी फूड्स का सेवन करते हैं वह फिजिकल हेल्थ के साथ मेंटल हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है। साल 2022 में European Journal of Human Genetics में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन और मेंटल हेल्थ एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इस स्टडी के अनुसार, युवाओं को टीनएजर्स जो प्रोसेसड फूड अधिक मात्रा में खाते हैं उनमें मेंटल हेल्थ डिसॉर्डर्स का रिस्क अधिक देखा जाता है। (Foods causing mental health problems in Hindi)

मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं ये 3 फूड्स

विभिन्न स्टडीज और एक्सपक्ट्स के अनुसार, दुनियाभर में लोगों में खाने-पीने से जुड़ी कुछ ऐसी आदतें देखने को मिलती हैं जो मेंटल हेल्थ का रिस्क बढ़ा सकती हैं। यहां पढ़ें ऐसे ही फूड्स के बारे में जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह बिगाड़ सकती हैं और जिनके अधिक सेवन से मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

शक्कर

ग्लूकोज दिमाग के लिए शक्तिशाली ईंधन जैसा काम करता है इसीलिए ब्रेन बार-बार शक्कर और मीठी चीजें खाने के लिए सिग्नल देता है। लेकिन, अधिक मात्रा में शक्कर खाने से शरीर में इंफ्लेमेशन या सूजन बढ़ सकती है। बहुत अधिक मीठा खाने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का रिस्क बढ़ सकता है। इसमें कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों, टाइप 2डायबिटीज ( type 2 diabetes) और फैटी लिवर डिजिज का रिस्क तो बढ़ता ही है, साथ ही मीठे ड्रिंक्स पीने से न्यूरोलॉजिकल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है।

लो-कैलोरी फूड्स

बहुत से लोग वजन मेंटेन करने और मोटापे से बचने के लिए लो-कैलोरी फूड्स का सेवन करते हैं। इस तरह के फूड्स में अक्सर कार्ब्स, फैट्स और शक्कर की मात्रा काफी कम होती है। लेकिन, लम्बे समय तक इस तरह की डाइट का सेवन करने से मेंटल हेल्थ से जुड़ी कुछ गम्भीर समस्याएं पनप सकती हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स सलाह गेते हैं कि लो-कैलोरी फूड्स खाने की बजाय संतुलित मात्रा में पौष्टिक डाइट लें।

सैचुरेटेड फैट्स

बर्गर, फ्राइज और अन्य डीप-फ्राइड फूड्स का सेवन करने से आपकी डेली डाइट में रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड्स के अलावा हाई-सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल और फैट्स की मात्रा बढ़ सकती है। वहीं साइंस जर्नल पीएलओएस वन ( journal PLoS ONE) में छपी एक स्टडी के अनुसार, इस तरह की डाइट से डिप्रेशन की समस्या गम्भीर हो सकती है http://dhunt.in/CjnkX?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “THE HealthSite”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post छोटी पर बड़े काम की राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय खबरें।
Next post बारिश के मौसम में कीट-फतंगों, चीटों से परेशान हैं तो फॉलो करें ये टिप्स, आसानी से भागेंगे सब
error: Content is protected !!