31 मार्च, 2025 तक दूध की खरीद के लिए बनेगा डिजिटल सिस्टम: सीएम
सीएम ने दत्तनगर में नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का किया शुभारंभ, तैयार होंगे बेहतर उत्पाद
सीएम बोले, देवी-देवताओं व जनता के आशीर्वाद से हर चुनौती पार की
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज रामपुर विधानसभा क्षेत्र के दत्तनगर में 25.67 करोड़ रुपये की लागत से तैयार मिल्कफेड के 50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले नए दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का शुभारम्भ किया। यहां पहले ही 20 हजार लीटर क्षमता का संयंत्र स्थापित है, जिससे अब इस संयंत्र की क्षमता 70 हजार लीटर प्रतिदिन हो गई है। इस संयंत्र में फ्लेवर्ड मिल्क, खोया, घी, मक्खन, पनीर, लस्सी तथा दही का उत्पादन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संयंत्र की क्षमता बढ़ने से चार जिलों शिमला, कुल्लू, मंडी तथा किन्नौर के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र की 271 दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े लगभग 20 हजार किसानों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश दुग्ध संघ के अधिकारियों को आधुनिक तकनीक को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2025 तक एक ऐसा डिजिटल प्रणाली शुरू करें, जिससे दूध की खरीद में पारदर्शिता आए और किसानों को एसएमएस के माध्यम से उनके दूध की गुणवत्ता और उसके मूल्य की जानकारी प्रदान की जाए। इस प्रणाली के तहत दूध की खरीद का रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो और किसानों को पैसा सीधे उनके बैंक खाते में प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के बजट का पहला बिंदु ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है ताकि किसान परिवारों की आर्थिकी बेहतर हो सके और वे बेहतर जीवन-यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि लोग अपने गांव में बेहतर जीवन जी सकें, यही वर्तमान राज्य सरकार का व्यवस्था परिवर्तन है।
सभी विभागों में सुधार किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा ‘मैंने कभी भी राजनीतिक लाभ के लिए काम नहीं किया। मैं आम परिवार से सम्बंध रखता हूं और मेरी माता भी गांव में खेती करती है। कोई भी किसान दूध का दाम बढ़ाने की मांग को लेकर मेरे पास नहीं आया, लेकिन मैंने गांव के लोगों के हाथ में पैसा पहुंचाने के लिए दूध का दाम 13-15 रुपये बढ़ाया। यह सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं है और आने समय में पशुपालकों को और भी सौगातें देंगे।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा की दिहाड़ी में ऐतिहासिक 60 रुपये की वृद्धि कर इसे 300 रुपये किया है। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती से उत्पन्न मक्की को 30 रुपये तथा गेंहू को 40 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मक्की की खरीद शुरू हो चुकी है और अगले सीजन से गेहूं की खरीद भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों का भी राज्य की संपदा पर अधिकार है, इसलिए राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विपक्ष के दुष्प्रचार से राज्य सरकार विचलित नहीं होगी और जनता के लिए बेहतर काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व की जयराम ठाकुर सरकार ने बिना बजट और बिना स्टाफ के शिक्षण संस्थान व स्वास्थ्य संस्थान खोल दिए। चुनावी लाभ के लिए 5000 करोड़ की रेवड़ियां बांटीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशु पालन विभाग में 900 वेटनरी फार्मासिस्ट की भर्ती करने जा रही है ताकि पशुपालकों को उनके घर-द्वार पर बेहतर सुविधाएं मिल सकें। डबल इंजन सरकार की कमियों के कारण हिमाचल प्रदेश गुणात्मक सुविधाएं प्रदान करने में देशभर में पिछड़ गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देवी-देवताओं और जनता के आशीर्वाद से हर चुनौती को पार कर रही है। राजनीतिक चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या फिर से 40 हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा का युद्ध की तरह सामना किया। केंद्र सरकार की मदद के बिना राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित 23 हजार प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया और 4500 करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज दिया।
उन्होंने कहा कि सड़कों को बहाल करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को दी गई थी और सरकार ने किसानों और सेब बागवानों का उत्पाद मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया, ताकि उन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समेज और बागी पुल के आपदा प्रभावितों को भी गत वर्ष प्रदान किए गए विशेष राहत पैकेज में शामिल करने का फैसला किया है।
कृषि एवं पशु पालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि आज युवा पीढ़ी खेतीबाड़ी से पीछे हट रही है। वर्तमान राज्य सरकार लोगों को खेतीबाड़ी से जोड़ने और उनकी आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने पशुधन की नस्ल में सुधार का जिम्मा उठाया है।
उन्होंने कहा कि दुग्ध संघ को अपने उत्पादों के मूल्यवर्द्धन की तरफ ध्यान देना चाहिए, ताकि किसानों को और बेहतर आर्थिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि पहाड़ी गाय के दूध को अलग ब्रांड के रूप में प्रचारित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गुणवत्तायुक्त दूध के लिए किसानों को अपने पशुधन की सेहत का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों से गोबर खरीदने की योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है और जल्द ही इसका शुभारंभ किया जाएगा।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दत्तनगर में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र का लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया, जिससे क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ विशेष रूप से महिलाओं की आर्थिकी में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए भी ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू किसानों की आर्थिक समृद्धि की चिंता करते थे और आज सरकार में आने के बाद उनके कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए वह अनेक योजनाएं संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार और योजनाएं आरम्भ करेगी जिससे प्रदेश की आर्थिकी बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सड़क सुविधा को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि किसानों और दूध उत्पादकों को लाभ मिल सके।
दुग्ध संघ के प्रबंध निदेशक विकास सूद ने मुख्यमंत्री का कार्यक्रम में स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने विकासात्मक प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक किशोरी लाल, कांग्रेस नेता बुद्धि सिंह ठाकुर, एपीएमसी चेयरमैन देवानंद वर्मा, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रप्रभा नेगी, उपायुक्त अनुपम कश्यप तथा विभिन्न दुग्ध उत्पादक समितियों के सदस्य उपस्थित थेे।
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